Unique Math of Shivling in Varanasi: वाराणसी में जंगमबाड़ी मठ में करोड़ों शिवलिंग मौजूद हैं. महादेव की नगरी इस शिव लोक की अपनी मान्यता है. अवमुक्त क्षेत्र में स्थित करोड़ों शिवलिंग के दर्शनों के लिए यहां श्रद्धालु आते हैं. यहां दर्शन करने से मोक्ष का वरदान मिलता है. श्रावण मास में शिवलिंग के दर्शन का खास महत्व होता है. महादेव यहां से मुक्ति का आशीर्वाद देते हैं. 


इस मठ में हैं करोड़ों के शिवलिंग


कहते हैं कि, काशी का हर कंकर शंकर के समान होता है. इसी कथन को परिभाषित करते ये शिवलिंग एक दो तीन नहीं हजारों नहीं लाखों नहीं करोड़ों की संख्या में हैं. ये शिवलिंग कमरे हो या दीवार मंदिर हो या स्थान हर ओर शिवलिंग ही शिवलिंग. मान्यता है कि इस शिवलोक में आने मात्र से मोक्ष का आशीर्वाद मिलता है.


शिवलिंगों की पीछे ये है कहानी 


आपको बता दें कि, महादेव से पूर्व काशी पर राजा दिवोदास का शासन था. महादेव ने दिवोदास की आस्था से प्रसन्न होकर काशी उनसे ली और यहीं पर वास कर गए. बाबा विश्वनाथ की इस नगरी के अवमुक्त क्षेत्र में वीरशैव संप्रदाय के जंगमबाडी मठ में करोड़ों शिवलिंग मौजूद हैं. कहा जाता है कि इस सम्प्रदाय से जुड़े लोग अपने जीवन काल में शिवलिंग धारण करते हैं और मृत्यु के बाद उनके वंशज यहां उनके नाम का शिवलिंग स्थापित करते हैं. इनका मानना है कि इनके सम्प्रदाय में पुनर्जन्म नहीं है और भगवान शिव में विलीन होकर शिवत्व को ग्रहण करना यानी मुक्ति का मिलना इसी स्थान पर है. इसके अलावा मुक्ति की कामना से भक्त यहां दर्शन भी करने आते हैं.


मोक्ष का आशीर्वाद


जंगमबाड़ी मठ के महंत डॉक्टर चंद्रशेखर शिवाचार्य ने बताया कि, बाबा विश्वनाथ के धाम से कुछ ही दूरी पर मौजूद इस शिवलोक में भक्तों की आस्था है. भक्त यहां हाजिरी लगाते हैं और मोक्ष का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.


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