हरिद्वार/ऋषिकेश. उत्तराखंड में गंगा घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा को जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ सोमवार को कोविड-19 के मद्देनजर लगी पाबंदियों की वजह के कारण नदारद रही. कोरोना वायरस से संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान पर रोक लगा दी थी. इसी के कारण पुलिस ने गंगा स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को जिलों की सीमा से ही वापस कर दिया. पुलिस ने रविवार को भी बाहरी राज्यों से आ रहे दो हजार से अधिक वाहनों को लौटा दिया था.
हालांकि, गंगा स्नान पर लगाई गई रोक पर साधु-संतों, गंगा सभा तथा व्यापारी संगठनो के विरोध के चलते हरिद्वार जिला प्रशासन ने कल रात स्थानीय लोगों को सामाजिक दूरी के साथ गंगा स्नान करने की अनुमति दे दी थी. इसके बावजूद हर की पैड़ी सहित अन्य घाटों पर सामान्य दिनों में होने वाली भीड़ नदारद रही और बहुत कम श्रद्धालु दिखाई दिए. इस दौरान गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं ने सामाजिक दूरी का भी पालन किया.
बीते साल लाखों लोगों ने लगाई थी डुबकी
गौरतलब है कि पिछले साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर करीब 25 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई थी. हरिद्वार के नगर पुलिस अधीक्षक कमलेश उपाध्याय ने कहा कि पुलिस की मुस्तैदी के कारण स्थानीय श्रद्धालुओं ने सामाजिक दूरी के साथ गंगा स्नान किया जो शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ.
उधर, पुलिस व प्रशासन द्वारा इस बार स्नान पर रोक के निर्णय के काफी प्रचार प्रसार के बावजूद श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट सहित अन्य घाटों तक पहुंचने का प्रयास किया जिसे पुलिस की बैरिकेडिंग ने सफल नहीं होने दिया. ऋषिकेश के प्रभारी पुलिस निरीक्षक रितेश कुमार साह ने बताया कि सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालुओं का त्रिवेणी घाट पर पवित्र डुबकी के लिए सतत रूप से दवाब बना रहा. वहीं, मुनि की रेती व लक्ष्मण झूला क्षेत्र के घाटों पर भी श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के लिए पुलिस से जूझते नजर आए.
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