राहुल गांधी ने की थी इस्तीफे की पेशकश, पार्टी ने किया खारिज: सुरजेवाला
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस मंथन में जुटी है। इस बड़ी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुये पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी भी बदलाव के लिए राहुल गांधी को सर्वसम्मति से अधिकार दिये गये हैं। इससे पहले पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की लंबी बैठक हुई। सुरजेवाला ने कहा कि हम चुनाव हारे हैं लेकिन जनता की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे। यही नहीं इससे पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से न हो। उन्होंने ये भी कहा कि प्रियंका का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये प्रस्तावित न किया जाये।
बतादें कि चुनाव में हार पर कांग्रेस ने मंथन किया। कांग्रेस के बड़े नेता आज दिल्ली में जुटे। पार्टी मुख्यालय में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, आरपीएन सिंह, पीएल पुनिया, मोतीलाल वोरा समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में मुख्य रूप से हार के कारणों पर विचार किया जाएगा। इस बारे में भी चर्चा होगी कि पार्टी को किस तरह से मजबूत किया जा सकता है।
सुरजेवाला ने कहा, कार्यसमिति ने देश के आगे मौजूदा समय में कई चुनौतियों पर संज्ञान लिया, जिसका हल नई सरकार को ढूंढना होगा। उन्होंने कहा, ईरान पर प्रतिबंध लगने के बाद तेल और बढ़ती महंगाई एक बड़ी समस्या है। बैंकिंग प्रणाली गंभीर स्थिति में है और एनपीए पिछले 5 वर्ष में बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे बैंकों की स्थिरता खतरे में है।
एनबीएफसी, जिनमें लोगों की मेहनत की कमाई जमा है, उनकी आर्थिक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हैं। निजी निवेश की कमी और कंज्यूमर गुड्स की बिक्री में तेजी से आई गिरावट के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी का संकट मंडरा रहा है। नौकरियों के संकट का कोई समाधान नहीं निकल रहा, जिससे युवाओं का भविष्य खतरे में है।