Lucknow Cyber Fraud News: यूपी की राजधानी लखनऊ में साइबर अरेस्ट कर के पीजीआई की डाक्टर रुचिका टंडन के खाते से 2 करोड़ 81 लाख रुपये डॉक्टर के अकाउंट से साइबर फ्रॉड ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए गाए. दरअसल डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था. डॉक्टर के पास एक कॉल आई के TRAI से बोल रहे हैं और आपके सारे मोबाइल नंबर बंद कर रहे हैं क्योंकि इस नंबर पर 22 शिकायतें दर्ज हैं.


उसके बाद स्काइप डाउनलोड कराया फिर फर्जी सीबीआई अफसर से बात करवाई उसने बताया कि नरेश गोयल के मानी लॉन्ड्रिंग केस में आपका नाम आया है. आपके ऊपर कोर्ट केस चलेगा. डॉक्टर से कहा गया कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है. आपसे जो जानकारी मांगी जाए आपको देनी पड़ेगी और इस बीच आप अपने किसी परिवार वालों से नहीं मिलेंगी. सीबीआई के लोग फर्जी जज बन कर फॉर्म भेजा, उस पर पूरी जानकारी मांग ली. कितनी प्रॉपर्टी है और कितने खाते हैं और फिर अलग अलग खाते में पैसा ट्रांसफर करा लिया. 


अलग-अलग खातों में कराए पैसे ट्रांसफर 


फर्जी सीबीआई ऑफिसर फर्जी जज बन कर डिजिटल अरेस्ट किया फिर कोर्ट में डिजिटल कोर्ट केस चलाया और साइबर ठगो ने पीजीआई की डॉक्टर के खाते से 2 करोड़ 81 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए. अलग अलग 7 अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करा लिया. वहीं पीड़िता का कहना है कि जिस तरह से कोर्ट जज और सीबीआई के लोगों और कोर्ट हियरिंग और कोर्ट नोटिस जो भेजे उसमे स्टैंप देख के लगा की ये सब सही है।और डरा दिया की आपने अगर किसी को बताया और  कुछ गड़बड़ निकला 5 साल की जेल है. इस तरह से अलग अलग खाते में डॉक्टर रुचिका से पैसा ट्रांसफर करा लिया.


डीसीपी साउथ शशांक श्रीवास्तव क्या बोले?


वहीं इस मामले पर डीसीपी साउथ शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि 10 अगस्त को डॉक्टर रुचिका टंडन ने लिखित तहरीर दी है कि 1 अगस्त से 8 अगस्त तक साइबर फ्रॉड ने डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर के रखा और उनके अकाउंट से 2 करोड़ 81 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए. साइबर क्राइम टीम की तरफ से कार्रवाई करते हुए साइबर थाने में 27 लाख 88 हजार रुपये फ्रिज करा लिए गाए. गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है और बचे पैसे वापस करने का प्रयास कर रहे हैं.


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