बुंदेलखंड के चित्रकूट की धरती में एक से बढ़कर एक कुख्यात डकैतों ने अपराध की दुनिया में कदम रखकर रूह कंपा देने वाली घटनाओं को अंजाम दिया है. उत्तर प्रदेश में कई सरकारों ने अपने फायदे के लिए इन डकैतों को संरक्षण भी दिया है और इनका खत्मा भी करवाया. यूपी में योगी सरकार बनते ही डकैतों के खात्मे के लिए अभियान चलाकर कुछ डकैतों को एनकाउंटर में ढेर किया तो कुछ डकैतों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. लेकिन, चित्रकूट में अब भी एक ऐसा इनामी डकैत है जिसे कभी पुलिस ने ही अपने फायदे के लिए पाला पोसा था. आज यही डकैत चित्रकूट पुलिस के लिए सिरदर्द बना है. 


बैखौफ वारदातों को देता है अंजाम 
हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के खूंखार डकैत डेढ़ लाख के इनामी गौरी यादव की. जिसपर यूपी सरकार ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा है तो एमपी सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा है. ये डकैत लगातार 20 सालों से अपराध की दुनिया में बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहा है. लेकिन, चित्रकूट पुलिस उसका खात्मा करने में असफल साबित हो रही है. 


पुलिस के लिए चुनौती बना गौरी यादव
चित्रकूट और आसपास के जिलों में कई दशकों से डकैतों का आतंक रहा है. ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया, रागिया और बबली कोल सहित लवलेश कोल के मारे जाने के बाद अब पुलिस के सामने डाकू गौरी यादव चुनौती बना हुआ है. डाकू गौरी यादव ने डकैत गोप्पा के साथ 2001 में अपराध की दुनिया कदम रखा. गौरी अब डकैतों का सरगना बन चुका है और सरकारी कामकाज में कमीशन ना मिलने पर ठेकेदारों और मजदूरों से मारपीट करता है. 


दारोगा की कर दी हत्या 
साल 2008 में हुई मुठभेड़ से एसटीएफ ने गौरी को पकड़कर जेल भेजा था. 2 साल बाद जेल से छूटने के बाद डकैत गौरी यादव फिर से लूटपाट करने लगा. डाकू गौरी यादव चित्रकूट के बहिलपुरवा थाना के बिलहरी गांव का रहने वाला है. जेल से छूटने के बाद 16 मई साल 2013 को दिल्ली पुलिस बिलहरी गांव में दबिश देने गई थी. गौरी यादव ने दिल्ली पुलिस के दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उसकी सरकारी रिवॉल्वर लूट ली थी. 2016 में बिलहरि गांव के तीन ग्रामीणों को बिजली के खंभे में बांधकर उसने गोली चलाई थी.  


60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं
तब उत्तर प्रदेश में तत्कालीन डीजीपी जावेद अहमद ने गौरी यादव पर एक लाख का इनाम घोषित किया था. गौरी ने 2017 में कुलहुआ के जंगल में एक ही गांव के 3 लोगों को जिंदा जला दिया था. गौरी यादव के खिलाफ चित्रकूट और सीमा से सटे सतना मध्य प्रदेश में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. 


कायम है दहशत 
मध्य प्रदेश सरकार ने गौरी यादव पर 50 हजार का नाम घोषित कर रखा है. एक लाख का नाम यूपी सरकार से है. इतना ही नहीं गौरी यादव ने अपने आतंक के बल पर 2016 में अपनी मां को गांव का प्रधान भी बनाया था और आज भी डकैत चित्रकूट में अपनी दहशत कायम किए हुए हैं. गौरी को खत्म करने के लिए चित्रकूट पुलिस लगातार जंगलों में कॉम्बिंग कर रही है. यहां तक कि चित्रकूट धाम मंडल के आईजी के सत्यनारायण ने डकैत गौरी यादव के खात्मे के लिए सरकार से इनाम बढ़ाने का प्रस्ताव भी भेज दिया है. अब देखना होगा कि चित्रकूट पुलिस इस डकैत का खात्मा कर पाती है या नहीं. 


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