विश्वासघात से बचने के लिए कलाई पर बांधे कलावा, रहेंगे सुरक्षित
कलावा बांधने से नाड़ी संतुलित रहती है यानी कफ, पित्त आदि संतुलित रहते हैं। शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण हाथ की कलाई में होता है। कलाई में प्राण का संचार होता है। अतः यहां रक्षा सूत्र बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
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पंडित शशिशेखर त्रिपाठी
राशिफल के अलावा आज हम लोग बात करते हैं विश्वासघात की आज के युग में आपके साथ काम करने वाले हो या आपके टीम के सदस्य हो यह विश्वास करने योग्य हैं या नहीं यह पता करना बहुत कठिन हो गया है।
-यदि आपको ऐसा लगता है कि जीवन में कई बार ऐसी घटना घट चुकी है कि कोई न कोई हमारे निकट या हमारे परिवार का कोई सदस्य आस्तीन का सांप निकल जाता है।
-आपकी हर एक्टिविटी में आपके साथ रहने वाला धोखी दे जाए, और ऐसी स्थिति आप गुजर रहे हैं तो आपको कुछ उपाय करने चाहिए।
-आपको अपनी कलाई पर कोई न कोई डिवाइन धागा रक्षा सूत्र, मौली, कलावा या कड़ा पहनना चाहिए।
-दिव्य स्थलों का कलावा हाथों में बांधना चाहिए इससे नेगेटिव एनर्जी जो आपके आस्तीन में सांप पल रहे होते हैं उनसे से मुक्ति मिलती है।
इसका अर्थ यह है कि शत्रु में शत्रुवत व्यवहार करने के बजाय मित्रवत व्यवहार करने की इच्छा और प्रबल होगी।
-सुबह आप लोग स्नान करने के पश्चात कलावे में थोड़ा सा चंदन का तेल लगाएं अगर चंदन का तेल शुद्ध नहीं उपलब्ध हो पा रहा हो तो चंदन का परफ्यूम लें, उसको अपनी कलाई में लगा दीजिए। ऐसा करने से राहु बहुत शांत होते हैं।
-धार्मिक अनुष्ठान हो या पूजा-पाठ, कोई मांगलिक कार्य हो या देवों की आराधना, सभी शुभ कार्यों में हाथ की कलाई पर लाल धागा यानि मौली बांधने की परंपरा है।
- मौली' का अर्थ है 'सबसे ऊपर', मौली का तात्पर्य सिर से भी है
- मौली को कलाई में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहते हैं
- इसका वैदिक नाम उप मणिबंध भी है
-शंकर भगवान के सिर पर चन्द्रमा विराजमान हैं, इसीलिए उन्हें चंद्रमौली भी कहा जाता है.
- मौली कच्चे धागे से बनाई जाती है
- इसमें मूलत: 3 रंग के धागे होते हैं- लाल, पीला और हरा
- लेकिन कभी-कभी ये 5 धागों की भी बनती है , जिसमें नीला और सफेद भी होता है
- 3 और 5 का मतलब त्रिदेव और पंचतत्व व पंचदेव से है।
-कलावा दूर करेगा बीमारियां
- स्वास्थ्य के अनुसार रक्षा सूत्र बांधने से कई बीमारियाँ दूर होती है।
कलावा बांधने से नाड़ी संतुलित रहती है यानी कफ, पित्त आदि संतुलित रहते हैं। शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण हाथ की कलाई में होता है। कलाई में प्राण का संचार होता है। अतः यहां रक्षा सूत्र बांधने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- ब्लड प्रेशर, हार्ट एटेक, डायबीटिज और लकवा जैसे रोगों से बचाव के लिये मौली बांधना हितकर बताया गया है
रक्षा सूत्र कब और कैसे धारण करें
- पुरुषों को दाएं हाथ में और महिलाओं को बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बांधी जाती है।
- जिस हाथ में कलावा या मौली बांधें उसकी मुट्ठी बंधी हो एवं दूसरा हाथ सिर पर हो।
- कलावे को हमेशा पांच या सात बार घूमाकर हाथ में बांधना चाहिए।
-किन राशि वालों को कौन सा धागा धारण करना चाहिए।
मेष और वृश्चिक- लाल रंग का धागा हाथ में बांधना चाहिए।
वृषभ और तुला- सफेद रेशमी धागा बांधना चाहिए।
मिथुन और कन्या- हरे रंग का सॉफ्ट धागा बांधना चाहिए।
कर्क- चंद्र - सफेद धागा बांधना चाहिए।
धनु और मीन- पीले रंग का रेशमी धागा बांधना चाहिए।
मकर और कुंभ- नीले रंग का सूती धागा बांधना चाहिए।
राहु-केतु और भैरव - काले रंग का धागा बांधना चाहिए।
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