महोबा. यूपी के महोबा जिले के माधवगंज गांव का रहने वाला अलखराम सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इसकी वजह है वो रुढ़िवादी परंपरा, जिसे दलित अलखराम तोड़ना चाहता है. दरअसल, अलखराम के माधवगंज गांव में दलितों को अपनी शादी में घोड़ी पर चढ़ने का भी अधिकार नहीं है. गांव का इतिहास रहा है कि दलित समाज का कोई भी व्यक्ति घोड़ी पर नहीं चढ़ा, लेकिन अब अलख राम नाम के एक युवा ने इस परंपरा को तोड़ने की ठान ली है. जिसको लेकर अब वह चर्चाओं का विषय बना हुआ है क्योंकि ट्विटर की ट्रेंडिंग ट्वीट में "घोड़ी चढ़ेगा अलखराम" ट्रेंड हो रहा है. 


गांव में शिक्षा का अभाव होना भी एक कारण है जिसके चलते ग्रामीण अभी भी पुरानी ही परंपराओं पर कायम है. दरअसल, माधवगंज में पीढ़ियों से यह परंपरा लगातार चलती आ रही है कि कोई भी दलित समाज का व्यक्ति अपनी शादी में घोड़ी नहीं चढ़ा है, लेकिन अब युवा पीढ़ी के अलखराम ने इस रुढ़िवादी प्रथा को तोड़ने की ठान ली है. जिसके चलते उसने पुलिस में भी तहरीर देकर सुरक्षा की व्यवस्था करने की गुहार लगाई है. 


18 जून को है अलखराम की शादी
अलखराम की शादी 18 जून को होनी है जिसके चलते उसने पुलिस में तहरीर देकर सुरक्षा की मांग की है ताकि वह घोड़ी पर चढ़कर बारात ले जा सके और सामंतवादी विचारधारा के  खत्मे के लिए किए जा रहे कार्य में कोई अराजक तत्व व्यवधान ना डाल सके जिसको लेकर उसने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.


प्रियंका गांधी को भी दिया न्योता
ट्विटर पर ट्रेंड होने के बाद अब अलखराम की शादी राजनीतिक अखाड़ा बनती दिखाई दे रही है. क्योंकि आजाद समाज पार्टी भीम आर्मी कांग्रेस और सपा के कई संगठन लगातार अलखराम से मिलने पहुंच रहे हैं. वहीं, अलख राम ने भी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को अपनी शादी में आने के लिए आमंत्रित किया है. उसने कहा, "दीदी शादी में आएंगी तो हमें बहुत खुशी मिलेगी." कहीं ना कहीं अलख राम की शादी सियासी अखाड़ा बनती जा रही है जिसको लेकर तमाम पार्टियां दलितों को लेकर अपनी हमदर्दी जाहिर कर रही है.


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