रायबरेली: कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर डलमऊ गंगा घाट पर विशाल मेला और गंगा स्नान का कार्यक्रम होता था, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते प्रशासन ने इस पर रोक लगा रखी है. श्रद्धालु गंगा घाट तक पहुंच नहीं पा रहे हैं, रास्ते से उन्हें वापस किया जा रहा है. हालांकि हर साल की तरह इस बार भी गंगा आरती व दीपदान का कार्यक्रम सरेनी विधायक व अधिकारियों ने परंपरागत तरीके से किया. कार्तिक पूर्णिमा के दिन डलमऊ घाट पर लाखों की संख्या में लोग गंगा स्नान व डुबकी लगाकर अपनी आस्था जताते थे. लेकिन इस बार उन्हें मायूस होना पड़ा.
कोरोना महामारी के चलते कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर होने वाली विशाल आरती में भी फीकापन देखने को मिला. हालांकि सरेनी विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष डलमऊ बृजेश दत्त गौड़ सहित एसडीएम डलमऊ, क्षेत्राधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने गंगा घाट पर दीपदान व गंगा आरती का आयोजन संपन्न कराया, लेकिन गंगा आरती व दीपदान की भव्यता इस बार लोगों को देखने को नहीं मिली.
भव्य होता था मेला
कार्तिक पूर्णिमा पर डलमऊ के गंगा घाट पर एक विशाल मेले का आयोजन होता था. जहां पर लगभग 5 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते थे. डलमऊ में लगने वाले मेले का इंतजाम भी हफ्तों पहले शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते डलमऊ गंगा घाट पर लगने वाला मेला स्थगित कर दिया गया. प्रशासन ने चारों तरफ पुलिस बल तैनात कर दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को वापस उनके घर भेजने का काम कर रही है. गंगा घाट पर किसी तरह की भीड़ ना हो और कोरोना जैसी महामारी के चपेट में ना आए, इसके लिए चारों तरफ से जिले में नाकाबंदी कर दी गई है.
लगातार गश्त कर रहे हैं अधिकारी
शहर क्षेत्राधिकारी अंजनी कुमार चतुर्वेदी ,डलमऊ क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिंह, सलोन क्षेत्राधिकारी रामकिशोर, लालगंज क्षेत्राधिकारी इंद्रपाल सिंह, महाराजगंज क्षेत्राधिकारी राघवेंद्र चतुर्वेदी लगातार पुलिस फोर्स के साथ मौका मुआयना कर रहे हैं. ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम यातायात प्रभारी रेखा सिंह बखूबी कर रही हैं. पूरे जिले की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे और किसी प्रकार की अनहोनी घटना घटित ना होने पाए इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जबकि पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार हर गतिविधि पर लगातार नजरें बनाए हुए हैं और भ्रमणशील हैं.
मेला न लगने से निराश हुये दुकानदार
डलमऊ गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने वाले मेले की धूम सिर्फ रायबरेली तक ही सीमित नहीं रहती थी, बल्कि अन्य जनपदों में भी इस की धमक देखने को मिलती थी. यही कारण था कि कानपुर, प्रयागराज जैसे बड़े बड़े शहरों से भी दुकानदार अपनी दुकान लेकर डलमऊ पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते मेले को स्थगित कर दिया गया. लिहाजा डलमऊ मेले में कोई नहीं पहुंच पाया. तीन दिन लगने वाले मेले से करोड़ों का व्यापार होता था. स्थानीय लोग खान-पान की दुकानें लगाकर अच्छी कमाई कर लेते थे. इस बार भी लोगों को काफी उम्मीदें थी लेकिन मेला निरस्त होने से स्थानीय लोगों में निराशा देखने को मिली. स्थानीय निवासी राजेश कुमार यादव का कहना है कि इस बार व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ और जो स्थानीय लोग छोटी-छोटी दुकानें लगा कर अच्छी कमाई कर लेते थे उनके हाथ भी इस बार खाली हैं.
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