UP MLC By Election: जानिए कौन हैं दारा सिंह चौहान? BJP ने बनाया है विधान परिषद उपचुनाव का प्रत्याशी
Legislative Council By Election: बीजेपी ने दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) को विधान परिषद उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने राजनीतिक कैरियर का आगाज बसपा से किया था.
Dara Singh Chauhan Profile: बीजेपी में दारा सिंह चौहान की भूमिका पर चला आ रहा सस्पेंस खत्म हो गया है. दारा सिंह चौहान को बीजेपी ने विधान परिषद उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया है. सपा छोड़कर बीजेपी में आए दारा सिंह चौहान की योगी सरकार में मंत्री बनने की अटकलें लंबे समय से चल रही थी. मंत्री बनने के लिए दारा सिंह चौहान दिल्ली में आला नेताओं से मुलाकात करते देखे गए थे. बीजेपी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने दारा सिंह के नाम पर मुहर लगाई. आइए जानते हैं बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी बनाए गए दारा सिंह चौहान के बारे में.
कौन हैं दारा सिंह चौहान?
पिछले साल घोसी विधानसभा का उपचुनाव हाईप्रोफाइल हो चुका था. सपा की तरफ से सुधाकर सिंह मैदान में थे. बीजेपी ने सपा से आए दारा सिंह चौहान पर भरोसा जताया था. एनडीए गठबंधन के लिए घोसी की सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री, विधायकों की फौज ने दारा सिंह चौहान के पक्ष में मोर्चा संभाला. सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह बीजेपी के दारा सिंह चौहान को बड़े अंतर से मात देकर विधानसभा का सदस्य बनने में सफल रहे. 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने दारा सिंह चौहान को टिकट दिया था. 22 हजार मतों से घोसी का चुनाव जीतकर दारा सिंह चौहान विधानसभा पहुंचे. उपचुनाव में घोसी की जनता ने सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को जीत का सेहरा पहनाया.
बीजेपी ने दिया है टिकट
दारा सिंह चौहान योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पाला बदल लिया था. योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर दारा सिंह चौहान साइकिल पर सवार हो गए. दारा सिंह चौहान को पूर्वांचल का कद्दावर नेता माना जाता है. उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत बसपा से की थी. 1996 में बसपा के टिकट पर दारा सिंह चौहान राज्यसभा पहुंचे. पाला बदलने में माहिर दारा सिंह चौहान का मोह बसपा से बहुत जल्द भंग हो गया. राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होते होते उन्होंने सपा का दामन थाम लिया.
पिछड़े समाज में पकड़
सपा ने 2000 में दारा सिंह चौहान को राज्यसभा भेजा. 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर पलटी मारी. बसपा का दामन थामने के बाद उन्होंने 2009 में घोसी लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की. 2014 में केंद्र की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा हो गया. नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर दारा सिंह चौहान ने बसपा छोड़ भगवा पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी में आने के बाद दारा सिंह चौहान को पिछड़ा जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.
2017 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव का टिकट दिया. दारा सिंह चौहान चुनाव जीतकर योगी सरकार में मंत्री बने. उन्होंने एक बार फिर बीजेपी का साथ छोड़ दिया. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दारा सिंह चौहान सपा में शामिल हो गए. घोसी विधानसभा का चुनाव जीतकर दारा सिंह चौहान विधायक बन गए. उन्होंने 22 हजार मतों से प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को पटखनी दी. घोसी उपचुनाव में मिली हार के बाद अब बीजेपी ने दारा सिंह चौहान पर फिर भरोसा जताया है. जानकारी के मुताबिक, 1963 को आजमगढ़ में जन्मे दारा सिंह चौहान ने 10वीं तक की पढ़ाई की है. दारा सिंह चौहान की पिछड़े समाज में मजबूत पकड़ को बसपा, सपा और बीजेपी ने भुनाने की कोशिश की.