Darul Uloom Deoband Bans Women Entry: देवबंद में इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम ने अपने परिसर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह फैसला परिसर में महिलाओं की तरफ से बनाए जा रहे रील की वजह से लिया गया है. इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान बाधा होती थी.


सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियो देखने के बाद कई देशों से इस संबंध में शिकायतें सामने आई थीं. मोहतमिम (प्रशासक) मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने प्रतिबंध और इसके कारणों की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ''दारुल उलूम एक मदरसा है और किसी भी स्कूल में इस तरह की हरकतें स्वीकार्य नहीं हैं.''


इस वजह से लिया गया फैसला


नोमानी ने कहा, "यही नहीं, दारुल उलूम में शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है. भीड़ भाड़ के कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं."


हिंदुस्तान ही नहीं पूरे दुनियाम में मशहूर देवबंद मदरसा दारुल उलूम ने इस आधार पर महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है कि मदरसे के परिसर में "रील" की शूटिंग की जा रही थी और सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही थी, जिससे "महिला विरोधी" और अनुचित होने के फैसले की आलोचना शुरू हो गई.


मदरसा के वाइस चांसलर ने क्या कहा?


मदरसा के वाइस चांसलर मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि परिसर में शूट किए गए और सोशल मीडिया पर साझा किए गए "रील" या शॉर्ट वीडियो क्लिप के बारे में देश भर के लोगों से कई शिकायतें मिलने के बाद गुरुवार को यह फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि इस तरह के वीडियो ने छात्रों का ध्यान भटकाने के अलावा मदरसा के कई प्रशंसकों की भावनाओं को भी आहत किया है.


रशीदिया मस्जिद में पहले से ही महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसे अब पूरे परिसर में बढ़ा दिया गया है. मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा, "गेट पर गार्डों को महिलाओं को प्रतिबंध के बारे में सूचित करने और उन्हें वापस लौटने के लिए मनाने का निर्देश दिया गया है."


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