सक्रिय है सरकारी अमला, 15 दिनों में 70 के करीब शवों को कब्र से निकालकर किया गया दाह संस्कार
यूपी के प्रयागराज में सरकारी अमला गंगा में समाहित हो रहे शवों को कब्र से निकालकर उनका दाह संस्कार किए जाने की प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ा रहा है. पिछले 15 दिनों में 70 के करीब शवों को कब्र से निकालकर उनका दाह संस्कार किया जा चुका है.
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा किनारे बड़ी संख्या में शवों को दफनाए जाने के मामले में एबीपी गंगा चैनल पर खबर दिखाए जाने के बाद से सरकारी अमला लगातार सक्रिय बना हुआ है. नगर निगम और दूसरे विभागों की टीम जलस्तर बढ़ने से मिट्टी के टीलों के कटान की वजह से गंगा में समाहित हो रहे शवों को कब्र से निकालकर उनका दाह संस्कार किए जाने की प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ा रही है. पिछले 15 दिनों में 70 के करीब शवों को कब्र से निकालकर उनका दाह संस्कार किया जा चुका है.
दाह संस्कार की तैयारी
अगले 10 दिनों में दर्जनों और शवों को सीधे गंगा में समाहित होने से बचाने के लिए उनका भी दाह संस्कार किए जाने की तैयारी की जा रही है. बुधवार को दर्जन भर से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. फिलहाल, ये प्रक्रिया अभी सिर्फ शहर से सटे फाफामऊ घाट पर शुरू की गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि तमाम दूसरे घाटों पर भी कगार यानी गंगा के ठीक किनारे दफन हुए शवों को भी कब्रों से निकालकर सम्मान के साथ इसी तरह उनका भी दाह संस्कार कर दिया जाएगा.
शवों को गंगा के घाटों पर दफना दिया गया था
गौरतलब है कि, संगम नगरी प्रयागराज में पिछले दिनों बड़ी संख्या में शवों को गंगा के घाटों पर दफना दिया गया था. शवों को इतनी बड़ी संख्या में दफनाया गया था कि गंगा किनारे के श्मशान घाट कब्रिस्तान में तब्दील नजर आने लगे थे. एबीपी गंगा ने अपनी रिपोर्ट में ये आशंका जताई थी कि गंगा का जलस्तर बढ़ने और मिट्टी का कटान होने की वजह से शव कब्र से बाहर आकर गंगा में समाहित होते हुए उन्हें प्रदूषित कर सकते हैं. मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कही जाने वाली गंगा की खराब छवि पेश कर सकते हैं. हालांकि, सरकारी अमले ने परंपराओं की दुहाई देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था.
सच साबित हुई आशंका
एबीपी गंगा ने जो आशंका जताई थी, वो सच साबित हुई. जलस्तर बढ़ते ही मिट्टी की कटान शुरू हो गई और कई शव कब्र से बाहर आकर गंगा की धारा में समाहित होने की कगार पर आ गए. फाफामऊ घाट पर नगर निगम और जिला प्रशासन ने मॉनिटरिंग कमेटी के साथ ही पुलिस और एसडीआरएफ से इसकी मॉनिटरिंग कराई. शवों का दाह संस्कार कराने का काम नगर निगम के जोनल अफसर नीरज सिंह की देखरेख में चल रहा है. उनके मुताबिक जल्द ही कगार वाले तमाम और शवों को कब्रों से निकालकर हिन्दू रीति रिवाजों और पूरे सम्मान के साथ सभी का दाह संस्कार कराया जाएगा. लोग भी यही मानते हैं कि इस मामले में इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं था. ऐसा करके मोक्षदायिनी गंगा को प्रदूषित होने से बचाया जा रहा है.