हरिद्वार, एबीपी गंगा। हरिद्वार वन विभाग के लालढांग क्षेत्र में शुक्रवार को एक के बाद एक तीन गुलदारों के शव मिलने से विभाग में हड़कंप मच गया। आज तड़के चिड़ियापुर रेंज में ग्रामीणों की सूचना पर वन महकमे ने एक गुलदार के शव को बरामद किया, मगर थोड़ी देर के भीतर ही इस स्थान से कुछ दूरी पर दो अन्य गुलदारों के मृत मिलने की सूचना पर वन महकमा सकते में आ गया। जिस स्थान पर यह शव मिले हैं, वह स्थान राजाजी टाइगर रिजर्व, लैंसडाउन वन प्रभाग और हरीद्वार वन प्रभाग का जंक्शन माना जाता है। आखिर सबसे बड़ा सवाल है कि तीन वनप्रभागों का जंक्शन होने के बाद भी अति संवेदनशील इस स्थान के वनकर्मी क्या कर रहे थे आखिर उन्हें सूचना इतनी देर से क्यों मिली यह वन प्रभाग पर सवालिया निशान खड़े करता है।
तीन गुलदारों की मौत के बाद आनन फानन में वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएफओ आकाश वर्मा का कहना है कि सुबह रवासन नदी के करीब गुलदार का एक शव मिला है जब इस शव की जांच हो रही थी, तभी सूचना मिली की नजदीक ही दो अन्य वन प्रभाग से भी दो अन्य गुलदारों की मौत की सुचना मिली है। इन सभी मामलो में इलाके में कॉम्बिंग कर जांच की जा रही है प्रथम दृष्टया जहर का सेवन मौत का कारण लग रहा है। आगे की पुष्टि पीएम रिपोर्ट आने की बाद ही हो पाएगी। क्षेत्र में फोरेंसिक सबूतों की भी तलाश की जा रही है। एक क्षेत्र में तीन गुलदारों की मौत से मामला संदिग्ध माना जा रहा है, जांच की जा रही है।
तीन गुलदार की मौत ने वन प्रभाग पर सवालिया निशान लगा दिया है क्योंकि जिस तरीके से एक के बाद एक तीन गुलदार के शव मिले हैं, उससे वन विभाग की करनी और कथनी में अंतर नजर आ रहा है। अब देखना होगा वन प्रभाग कब तक इन तीन गुलदारों की मौत का खुलासा करता है, क्योंकि अभी तो वन प्रभाग के अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। मगर सवाल यही उठता है कि आखिरकार तीन गुलदार की मौत हो गई और वन विभाग कुंभकरण की नींद सोता रहा।