नोएडा: नोएडा, ग्रेटर नोएडा में कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक मई से 15 मई यानी 15 दिन में 1478 लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. मरने वालों में 964 पुरुष और 514 महिलाएं हैं. 2021 के शुरुआती चार माह के मुकाबले यह संख्या दोगुने से भी ज्यादा है. क्योंकि साल 2021 में 15 मई तक 3820 लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये गए हैं, लेकिन इनमें से कितने लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई, इसका सटीक आंकड़ा स्वास्थ्य महकमे के पास भी नहीं है. क्योंकि, कई लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत बुखार आने से हुई, लेकिन उनकी कोरोना जांच नहीं हुई.
इस तरह बनता है मृत्यु प्रमाणपत्र
सबसे पहले हमें ये जानना बेहद जरूरी था कि, आखिरकार मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है और एक आम आदमी कैसे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाये. यही जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम सबसे पहले गौतमबुद्ध नगर मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग के इंचार्ज एडिशनल CMO अमित कुमार के पास पहुंची और उनसे विस्तार से जाना कि मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे बनता है?
उन्होंने बताया कि, इससे पहले उस हॉस्पिटल का डेथ सर्टिफिकेट चाहिए होता है, जहां पर मृत्यु हुई हो. इसके अलावा मृतक का आधार कार्ड एड्रेस प्रूफ, और अंतिम संस्कार की पर्ची के साथ आवेदक का आधार कार्ड भी चाहिए होता है. इन सभी दस्तावेजों के साथ 21 दिन के अंदर आवेदन करना जरूरी होता है. अगर 21 दिन के बाद या एक वर्ष के बाद आवेदन करते हैं तो उसकी क्या प्रक्रिया है ये भी बताया.
क्या कहते हैं ये आंकड़े
हमने उनसे यह भी जानने की कोशिश की कि, आखिरकार एक मई 2021 से 15 मई 2021 के बीच 1478 मृत्यु प्रमाण पत्र नोएडा में जारी किए गए, जबकि यह आंकड़ा मार्च और अप्रैल के महीनों से दूना है, इस सवाल पर ACMO ने कहा कि, जरूर आंकड़ा बेहद ज्यादा है लेकिन इसके पीछे की वजह कहीं न कहीं कोरोना महामारी है, इससे पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन, सभी मौतें कोरोना से नहीं हुई हैं, हां, काफी मौत कोरोना से हुई हैं.
हमारी टीम उस जगह पहुंची जहां पर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए काफी लंबी लाइन लगी हुई थी और लोग काफी देर से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लाइन में लगे हुए थे. हमारे संवाददाता बलराम पांडे ने वहां मौजूद लोगों से बात की और जानने की कोशिश की कि, आखिरकार वह लोग मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कब से परेशान हैं, तो उनका कहना था कि वह कई चक्कर लगा चुके हैं. ऑनलाइन उन्होंने आवेदन किया जिसका रजिस्टेशन होकर उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र भी मिल गया, लेकिन सिर्फ मुहर न लगने की वजह से वो वैध नहीं है, इसलिए चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
कुछ लोग तो ऐसे दिखे कि, उन्होंने जब मृत्यु सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया तो उन्हें एक से डेढ़ महीने की बाद तारीख से दी गई लोग काफी परेशान दिखे. उनका कहना है कि हम ऑनलाइन आवेदन भी कर रहे हैं. उसके बावजूद भी डेट डेढ़ महीने बाद सर्टिफिकेट देना यह कहां का न्याय है.
हमने वहां मौजूद अधिकारी केके भास्कर से बात की और जानने की कोशिश की कि, आखिरकार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है और कब तक आप लोग मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर दे देते हैं. पहले तो वो कैमरे पर बोलने से बचते नजर आए और फिर जब हमारी टीम उनके दफ्तर के बाहर ही खड़े होकर लोगों से बात करने लगी और जब उनकी पोल खुलने लगी तो बाहर आकर बात की और बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाने की क्या प्रक्रिया है.
इन आंकड़ों पर एक नजर डालें. किस माह में कितने जारी हुए मृत्यु प्रमाण पत्र
मार्च 2021 -- 451 पुरुष, 227 महिला कुल 678
अप्रैल 2021 - 440 पुरुष, 243 महिला कुल 683
01मई से 15 मई 2021 तक - 964 पुरुष , 514 महिला
कुल - 1478
यह आंकड़े खुद ब खुद बता रहे हैं कि, किस तरह से जिले में मृत्यु दर तेजी से बढ़ रही है, लेकिन मई में जो आंकड़े सामने आए हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं क्योंकि महज 15 दिनों में दोनों महीनों का आंकड़ा पार कर दिया है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार मृत्यु दर के बढ़ने की वजह क्या है.
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