आपदा ग्रस्त उत्तराखंड में शुक्रवार को और शव बरामद होने से हाल में अतिवृष्टि से मची तबाही में मरने वालों की संख्या बढ़कर 67 हो गई जबकि बचाव दलों ने विभिन्न जगहों पर फंस गए दर्जनों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से यहां देर रात जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में आपदा में मरने वालों की संख्या 67 हो गयी जबकि 24 अन्य लोग घायल हैं.


एसडीआरएफ ने 65 पर्यटकों को सुरक्षित बचाया


राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने बागेश्वर जिले के पिंडारी और काफनी ग्लेशियरों के करीब फंसे छह विदेशियों समेत 65 पर्यटकों को सुरक्षित बचाया जबकि 23 अन्य लोगों को पिथौरागढ की दारमा घाटी से निकाला गया. उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल प्रदेश के चितकुल तक के रास्ते में लापता एक ट्रेकिंग दल के पांच सदस्यों के शव बरामद हुए हैं. हांलांकि, सरकारी आंकडों में उन दो अन्य शवों को नहीं जोड़ा गया है, जो हिमाचल प्रदेश के बचाव दल को मिले हैं. बागेश्वर जिले में भी बारिश से पांच लोगों के मरने की आशंका है.


आपदा से कुमांउ क्षेत्र हुआ सबसे ज्यादा प्रभावित


हाल में लगातार तीन दिन हुई बारिश से कुमांउ क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ जहां सर्वाधिक मौतों के साथ ही करीब 200 करोड रूपये की संपत्ति की क्षति होने का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है. इस बीच, बागेश्वर के जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमों ने पिंडारी और काफनी ग्लेशियरों के पास से छह विदेशियों समेत 65 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला.


उधर, बागेश्वर के सुंदरढूंगा में फंसे एक ट्रेकिंग दल के छह सदस्यों की तलाश के लिए तैयार दो चीता हैलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण उडान नहीं भर सके. कुमार ने बताया कि 10 सदस्यीय दल के चार सदस्य सुरक्षित लौट आए हैं. उन्होंने कहा, 'हमें संदेह है कि इसमें कुछ लोग हताहत भी हो सकते हैं. दल के लापता ट्रैकरों की तलाश में शनिवार सुबह हैलीकॉप्टर फिर उडान भरने का प्रयास करेंगे.


जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, सरयू नदी के उदगम स्थल सरमूल से लापता हुए 15 लोग भी सकुशल हैं. पिथौरागढ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि जिले की दारमा घाटी से भी 23 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. इनमें 21 पर्यटकों के अलावा दो बीमार स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं .


उधर, उत्तरकाशी जिले के अधिकारियों ने बताया कि चितकुल ट्रेक से लापता दल के दो सदस्य घायल अवस्था में मिले हैं जिनका उपचार हर्षिल और उत्तरकाशी के अस्पताल में चल रहा है . कुमांउ में सर्वाधिक मौतें नैनीताल से दर्ज की गयीं जहां आपदा में 35 लोगों ने अपनी जान गंवाई. चंपावत में 11, अल्मोडा में छह, पिथौरागढ में तीन और उधमसिंह नगर में दो और बागेश्वर में एक मौत दर्ज की गयी.


मुख्यमंत्री ने किया था आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित डुंग्री गांव का दौरा किया और हाल में भारी बारिश के दौरान भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धनसिंह रावत और अन्य अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री धामी छडी हाथ में लेकर फिसलन भरी खडी चढाई पार कर स्वयं स्थिति का जायजा लेने के लिए गांव पहुंचे.


उन्नीस अक्टूबर को गांव में अतिवृष्टि के बाद भूस्खलन के मलबे में एक परिवार के दो सदस्य दब गए थे. उनके परिजनों को सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करेगी. धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि आपदा राहत कार्यों में किसी भी तरह से संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी .


डुंग्री गांव में आपदा से नुकसान का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की और उन्हें अवरुद्ध मार्गो, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाइनों को जल्द से जल्द बहाल करने तथा आपदा पीड़ित परिवारों तक हर संभव मदद पहुंचाने को कहा.


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