मेरठ: मेरठ के मेडिकल कॉलेज में कोरोना से पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अभी तक मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती 313 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. अगर इस महीने में मौत का आंकड़ा देखें तो 13 सितंबर तक 62 कोविड संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें से 29 मरीज मेरठ के रहने वाले हैं. मेरठ के मेडिकल कॉलेज में आसपास के कई जिलों के मरीज इलाज के लिए आते है जिसमें मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, गाजियाबाद, अमरोहा और बिजनौर जैसे जिले शामिल है.


बीमारी को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं लोग
गौर करने वाली बात ये है कि कोरोनो से मरने वालो का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि इसका प्रमुख कारण ये भी है कि मेडिकल कॉलेज में आसपास के जिलों से जो मरीज आते हैं उनकी हालत बहुत गंभीर होती है. कोविड पेशेंट में ऑक्सीजन का सेचुरेशन भी बहुत कम हो जाता है जिसकी वजह से कोविड पेशेंट की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. ज्यादातर मामलों में ये भी बात सामने आ रही है कि लोग इस बीमारी को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं और जब तक वो इस बीमारी को लेकर अलर्ट होते है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.


मौतों के लेकर प्रशासन भी चिंतित
मेडिकल कॉलेज में बढ़ती मौत की दर को लेकर प्रशासन भी चिंतित दिखाई दे रहा है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि इस बारे में अब लोगों को जागरूक किया जा रहा है और टेस्ट करने की तादाद भी बढ़ाई जा रही है.


इलाज में हो रही है देरी
जिलाधिकारी मेरठ ने बताया कि इसका कारण यही निकलकर आ रहा है कि पेशेंट बहुत देर से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसे लेकर सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि टेस्ट की संख्या ज्यादा से ज्यादा बढ़ाई जाए और मरीजों की पहचान जल्द कर ली जाए ताकि उन्हें समय से इलाज मिल सके. शहर के एरिया को सेक्टरों ओर जोन में बांटा जा रहा है इसमें मजिस्ट्रेट और एसीएमओ को तैनात किया जा रहा है. इसमें सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल को भी शामिल किया जा रहा है. इसके चलते कोविड केस ओर इससे बढ़ने वाला मौत का आंकड़ा नियंत्रित हो सकेगा.


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