Uttarakhand Flood: उत्तराखंड में भारी बारिश से 5 पर्यटकों की भी मौत, 65 हुई मृतकों की संख्या
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण पांच पर्यटकों की भी मौत हुई है. इसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है. गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को प्रभावित इलाकों का जायजा लिया.
Uttarakhand Rain: उत्तराखंड में भारी बारिश से मची तबाही में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है. मृतकों में पांच पर्यटक भी शामिल हैं. राज्य सरकार ने बारिश के कारण राज्य को 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही है. बागेश्वर जिले में कापकोट के पास सुन्दरधुंगा ग्लेशियर (हिमनद) के पास फंसे पर्यटकों की मृत्यु की पुष्टि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य के दौरे के दिन ही हुई है. शाह राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण करने आए थे. राज्य सरकार ने इस त्रासदी में 7,000 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 60 लोगों की मौत हुई थी, पांच पर्यटकों की मौत की सूचना देर शाम आयी है। सबसे ज्यादा 28 लोगों की मौत नैनीताल जिले में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि पांच पर्यटकों की मौत हुई है जबकि एक लापता है. वहीं चार पर्यटकों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी मिली है. अधिकारियों ने बताया कि बागेश्वर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में करीब 65 पर्यटक फंसे हुए थे और अभी भी वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल प्रयास कर रहे हैं. वहीं, सर्वाधिक प्रभावित कुमाऊं क्षेत्र में संपर्क बहाल करने और संवेदनशील इलाकों से लोगों को बाहर निकालने के प्रयासों के बीच राहत एव बचाव कार्य जारी है.
इससे पहले, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में रविवार की रात से शुरू होकर तीन दिन तक लगातार हुई बारिश से 7,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों के नेटवर्क को बहाल करना तथा फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना इस समय प्राथमिकता है.
क्या बोले गृह मंत्री
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारी बारिश का अलर्ट बहुत पहले जारी कर दिया गया था और इसके मद्देनजर चारधाम यात्रा रोकने समेत अन्य एहतियाती कदम उठाने में मदद मिली. उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा नहीं किया गया होता तो और क्षति हो सकती थी. समय पर तलाश एवं बचाव दलों को काम पर लगाने और बचाव अभियान में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर के शामिल होने की वजह से संभावित क्षति को कम करने में मदद मिली.’’
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