ABP Ganga Maha Adhiveshan: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग, परंपराएं टूटने का आरोप
उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का विरोध शुरू से हो रहा है. एबीपी गंगा के महा अधिवेशन में देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.
ABP Ganga Maha Adhiveshan: एबीपी गंगा के महा अधिवेशन में देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती ने देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर बीजेपी को दोहरा चरित्र वाली पार्टी बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने तमिलनाडु में हुए विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में जिक्र किया था कि राज्य के अंदर सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाएगा. जबकि उत्तराखंड में चार धाम के अलावा 47 मंदिरों को अधिकृत कर लिया गया. जिसके तहत देवस्थानम एक्ट बनाया गया. हम इसका शुरू से विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चार धाम आध्यात्म का केंद्र हैं. ये हमारी भावनाओं से जुड़े हुए हैं. अनादि काल में तब ना वहां सुविधाएं थी और ना ही वहां मंदिर इस रूप में थे. उन्होंने कहा कि आषुतोष डिमरी तब देवस्थाम बोर्ड के खिलाफ थे फिर अब इसके समर्थन में क्यों आ गए हैं. सती ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बनाकर लगातार परंपराएं तोड़ी जा रही हैं.
गंगोत्री मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने भी इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बनाए जाने के बाद सनातम धर्म का पतन हो रहा है. बदरीनाथ मंदिर पहले जहां ब्रह्म मुहुर्त में खुलता था. वहीं अब मंदिर सात बजे खोला जा रहा है. सेमवाल ने आगे कहा कि हमसे इसको लेकर कोई वार्ता तक नहीं की गई.
वहीं, देवस्थानम बोर्ड के सदस्य आशुतोष डिमरी ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि शुरू में मुझे भी इस बोर्ड को लेकर आशंकाएं थीं. अगर धार्मिक मान्यताएं, परंपराएं, रीति-रिवाज अगर प्रभावित होते हैं तो मैं इसका विरोध करूंगा. सरकार ने साफ कहा है कि वो हमेशा बातचीत के लिए तैयार है. डिमरी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के बाद किसी तरह की परंपरा नहीं टुटी है.
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