बॉलीवुड एक्टर गोविंदा ने 90 के दशक में करोड़ों दर्शकों कि दिलों पर राज किया. गोविंदा के कॉमिक अंदाज और डांसिंग स्टाइल ने हर किसी का ध्यान अफनी तरफ खींचा. वो समय ऐसा था जब गोविंदा ही ऐसे एक्टर थे जो तीनों खानों पर भारी पड़ते थे. ना तो उनके पास सलमान खान जैसी बॉडी थी ना शाहरूख जैसा रोमांटिक अंदाज ना ही आमिर खान जैसा चॉकलेटी चेहरा, फिर भी दर्शकों को उनका हर अंदाज भाता था.



 गोविंदा के पिता भी 40 के दशक में एक एक्टर थे, उन्होंने उस दौर में लगभग 30 से 40 फिल्मों में काम किया था और उनकी मां निर्मला देवी एक बहुत अच्छी  शास्त्रीय संगीत गायिका थीं,उन्होंने भी बहुत सी फिल्मों में गाया था. गोविंदा के पिता को एक फिल्म के चलते काफी घाटा हो गया था जिसकी वजह से उन्हें अपना बंगला बेचना पड़ा और विरार में आकर बस गए, इसीलिए गोविंदा को 'विरार का छोरा'  कहा जाता है. गोविंदा ने कॉमर्स में ग्रेजुएट की और उसके बाद नौकरी के लिए भटकन लगे, मगर उन्हें नौकरी नहीं मिली. 


फिर 80 के दशक में एक विज्ञापन ने गोविंदा की जिंदगी ही बदल कर रख दी. एलविन नाम की एक कंपनी का विज्ञापन गोविंदा को मिला जिसके बाद उन्हें फिल्म 'तन- बदन' में बतौर हीरो काम करने का मौका मिला. इसके बाद गोविंदा 'लव 86' में नजर आए, फिल्म हिट रही और गोविंदा ने बड़े ही शानदार तरीके से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की.  90 के दशक तक हर किसी को उनका नाम याद हो गया था. 



गोविंदा दर्शकों के साथ-साथ निर्माता-निर्देशकों की भी पहली पसंद बनते जा रहे थे. ये वो वक्त था जब साल में गोविंदा 8-9 फिल्में किया करते थे, जिनमें से ज्यादातर हिट साबित होती थी. उनका डायलॉग बोलने का अंदाज, डांस, कॉमिक टाइमिंग, पंच लाइन सब कुछ दर्शकों को पसंद आता था, इतना ही नहीं गोविंदा के रंग-बिरंगे कपड़े तो जैसे उनका स्टाइल स्टेटमेंट ही बन गया था. ये गोविंदा की अच्छी किस्मत ही थी जिसकी वजह से साल साल 1998 में आई फिल्म 'बड़े मियाँ छोटे मियाँ' जैसी शहंशाह अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा सुर्खियां बटोरने में कामयाब हुए थे. 


गोविंदा ने अपने करियर मेंदीवाना मस्ताना’, 'साजन चले ससुराल’, ’हीरो नंबर वन', 'हसीना मान जाएगी', 'कुली नंबर वन', 'हद कर दी आपने', 'शोला और शबनम' जैसी कई शानदार फिल्मों में काम किया. उन्होंने अपने करियर में आम जनता का खूब दिल जीता.



बात करें गोविंदा की पर्सनल लाइफ की तो उन्होंने अपने करियर के शुरूआती समय में ही सुनीता से शादी कर ली थी, हालांकि लगभग एक साल तक गोविंदा ने अपनी शादी के बारे में किसी को भी नहीं बताया था, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इस वजह से उनकी पॉपुलैरिटी पर असर पड़ सकता है.