Gorakhpur university: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं के लिए प्रवेश परीक्षाएं 27 जून से प्रारंभ हो रही हैं. पहली बार केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया को लागू किया गया है. परीक्षा के पहले दिन दो पालियों में होने वाली प्रवेश परीक्षा में सुबह की पाली में बीकॉम की प्रवेश परीक्षा में 2,414 और शाम की पाली में एमकॉम और एमए मनोविज्ञान की परीक्षा में 1,040 अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे.


डीडीयू प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रातः सत्र की परीक्षाएं सुबह 9 बजे से 11 बजे और सायं सत्र की परीक्षाएं और अपराह्न की  3 बजे से 5 बजे तक होंगी. पहले दिन सुबह के सत्र में बीकॉम आनर्स और शाम के सत्र में एमकॉम तथा एमए मनोविज्ञान की प्रवेश परीक्षा होगी. बिना प्रवेश पत्र के किसी भी अभ्यर्थी को केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. परीक्षार्थी आधे घंटे पूर्व तक अपने केंद्र पर अवश्य पहुंच जाएं. उन्होंने बताया कि डीडीयू और सम्बद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा 8 जुलाई तक चलेगी. 


44 हजार अभ्यर्थियों ने कराया पंजीकरण
सत्र 2024-25 में प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए 44 हजार अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है. इनमें स्नातक में सर्वाधिक 25,246, परास्नातक में 13,204 और रेट-2023 के लिए 5,204 आवेदन आए हैं. स्नातक के 14 पाठ्यक्रमों के लिए कुल 4,863 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा. परास्नातक में 47 पाठ्यक्रमों के लिए 4,131 सीटों पर प्रवेश लिया जाना है. करीब डेढ़ दर्जन से अधिक कॉलेजों ने आंशिक या पूर्ण रूप से इस प्रक्रिया में शामिल होने में रुचि दिखाई है. प्रवेश परीक्षा के लिए मुख्य परिसर में 9 और महाराणा प्रताप परिसर में 2 केंद्र बनाए गए हैं.


कुलपति ने तैयारियों की समीक्षा की
प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों की समीक्षा को लेकर कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कुलसचिव, निदेशक प्रवेश प्रकोष्ठ, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, मुख्य नियंता और कार्य अधीक्षक के साथ एक बैठक की और परीक्षाओं के शुचितापूर्ण संचालन सुनिश्चित करने तथा विद्यार्थियों की सुविधा के लिए कई निर्देश दिए.


परिसर में लगाए जाएंगे दिशा संकेत
कुलपति ने कहा कि परीक्षार्थियों की बड़ी संख्या नवागतों की होती है. जिन्हें परिसर स्थित परीक्षा केंद्रों की स्थिति के विषय में जानकारी नहीं होती. इसलिए मुख्य द्वार के निकट केंद्रों की स्थिति के बारे में एक दिशा संकेतक लगाए जाएंगे.उन्होंने परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए परिसर में एनसीसी कैडेट्स और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के हेल्प डेस्क लगाने का निर्देश दिया. यह सभी परीक्षा दिवसों और पालियों में परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व तक काम करेगा.


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