DDU में सेमेस्टर परीक्षा परिणामों से संबंधित समस्याओं का चुटकियों में होगा समाधान, 'सुधार' से होगा छात्रों को फायदा
UP News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर परीक्षा परिणामों से संबंधित विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए निर्मित नवीन पोर्टल ‘सुधार’ की शुरुआत की है.
Gorakhpur University: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और अनुकूल शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रहा है. इसी क्रम में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर परीक्षा परिणामों से संबंधित विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए निर्मित नवीन पोर्टल ‘सुधार’ (स्टूडेंट यूटिलिटी फॉर डॉक्यूमेंट हैंडलिंग एंड एकेडमिक रेक्टिफिकेशंस) की शुरुआत की है. ‘सुधार’ पोर्टल का उद्घाटन कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने किया.
विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है. सुधार पोर्टल का शुभारंभ छात्र सेवाओं में सुधार और शैक्षणिक उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. इस पोर्टल के माध्यम से अपूर्ण परीक्षा परिणाम, एबीसी/अपार आईडी अपडेट, विषय परिवर्तन, विद्यार्थियों के नाम, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म तिथि में सुधार सहित अन्य परीक्षा परिणाम-संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकेगा.
कुलपति ने बताई "सुधार" पोर्टल की विशेषता
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 'सुधार पोर्टल' यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामों में किसी भी विसंगति को दूर करने के लिए एक सहज और कुशल प्रक्रिया उपलब्ध हो. हमारा उद्देश्य एक केंद्रीकृत मंच प्रदान करके समस्याओं को तुरंत हल करना है ताकि यह सुनिश्चित हो कि किसी भी विद्यार्थी को अपनी शैक्षणिक यात्रा में अनावश्यक तनाव या देरी का सामना न करना पड़े."
सुधार पोर्टल के माध्यम से, छात्र व्यक्तिगत रूप से या परीक्षा विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से पोर्टल पर अपनी समस्याओं को अंकित कर सकते हैं. विश्वविद्यालय द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी सुधार या समस्या को एक सप्ताह के भीतर निस्तारित कर लिया जाए. इसके अतिरिक्त, विद्यार्थी सीधे पोर्टल के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति भी देख कर सकते हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और विद्यार्थियों के अनुकूल होगी.
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