आगरा: विश्व के कई देशों में कोरोना पर कंट्रोल के लिए वैक्सीन बनाने का काम तेजी से चल रहा है. कोरोना की वैक्सीन बनने के बाद वैक्सीनेशन को लेकर तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. भारत में भी कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज को लेकर भी प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसी कड़ी में आगरा में कोरोना वैक्सीन का स्टोरेज राष्ट्रीय जालमा कुष्ठ रोग संस्थान में किया जाएगा. आगरा के जालमा संस्थान के निदेशक डॉ. श्रीपद ए पाटिल से कोरोना वैक्सीन स्टोरेज और कोल्ड चेन मेंटेन करने के इंतजाम पर बातचीत की हमारे संवाददाता नितिन उपाध्याय ने.


-70 डिग्री पर वैक्सीन रहती है स्टेबल


डॉ. श्रीपद ए पाटिल ने बताया कि दुनियाभर में तमाम इंस्टीट्यूट कोरोना वैक्सीन बना रहे हैं. भारत में सीरम और भारत बायोटेक इंस्टीट्यूट कोरोना वैक्सीन बना रहे हैं. सबसे पहले इंग्लैंड और अमेरिका ने फाइजर कंपनी की वैक्सीन को ओके किया है. भारत में भी यह वैक्सीन आएगी. इस वैक्सीन के स्टोरेज के लिए माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड का टेंपरेचर चाहिए. जो रूम टेंपरेचर से कई गुना नीचे है. माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड का टेंपरेचर में ही यह वैक्सीन स्टेबल रह सकती है.


अलग अलग तैयार हो रहे हैं डीप फ्रीजर 


डॉ. श्रीपद ए पाटिल ने कहा कि फाइजर की वैक्सीन और अन्य वैक्सीन के स्टोरेज को लेकर हमें संपर्क किया गया था. स्टोरेज की फैसिलिटी की डिटेल मांगी थी. इस पर हमने कई डीप फ्रीजर वैक्सीन के स्टोरेज के लिए तैयार किए हैं. फाइजर की वैक्सीन स्टोरेज के लिए माइनस 86 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान का डीप फ्रीजर भी तैयार कर लिया गया है. यह सिर्फ कोविड-19 की वैक्सीन के लिए बनाया है. डॉ. श्रीपद ने बताया कि कई इंस्टीट्यूट के वैक्सीन माइनस 20 डिग्री सेंटीग्रेड पर रखा जा सकता है. कुछ 4 डिग्री सेंटीग्रेड के वैक्सीन भी तैयार हो रहे हैं. इसके लिए भी हमने अलग अलग डीप फ्रीजर तैयार कर लिए हैं. माइनस 80 डिग्री सेंटीग्रेड और माइनस 20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर वैक्सीन को स्टोरेज करने की फैसिलिटी यहां है.


जालमा निदेशक के अनुसार मार्च तक आगरा के इस संस्थान में वैक्सीन आ जायेगी और जल्द इसका लाभ आगरा सहित आसपास के लगभग 10 जिलों को मिलने लग जायेगा.