Lakhimpur Kheri Violence: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपेन्द्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) ने सोमवार को कहा कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों का आंदोलन करीब एक दशक पहले भट्टा पारसौल कांड की तरह है और यह अतीत की तरह राज्य में सरकार बदलने की शुरुआत करेगा. सीतापुर में हिरासत में लिए गए हुड्डा ने कहा, मैं भट्टा पारसौल आंदोलन का हिस्सा था और पदयात्रा में भी शामिल हुआ था. बहुजन समाज पार्टी की तत्कालीन सरकार ने किसानों के स्वाभिमान की पूरी तरह अवहेलना करते हुए उन्हें निशाना बनाया था. आज भी वही स्थिति है, भट्टा पारसौल के बाद तब राज्य में सरकार बदली थी, और अब फिर बदलेगी.


गौरतलब है कि 2011 में, ग्रेटर नोएडा के जाट बहुल गांव भट्टा पारसौल में भूमि अधिग्रहण के विरोध में हुए किसान आंदोलन के दौरान चार लोगों...दो पुलिसकर्मियों और दो किसानों की मौत हो गई थी. उस दौरान भट्टा पारसौल भूमि अधिग्रहण विरोध का केंद्र था. हुड्डा, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के उन चार नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने के दौरान आज तड़के सीतापुर में हिरासत में लिया गया.


दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा, ''अगर सरकार ने किसानों के लिए अच्छा काम किया होता, तो उन्हें सड़कों पर विरोध प्रदर्शन नहीं करना पड़ता.'' उन्होंने कहा, ''किसानों के आंदोलन के नायक किसान हैं. हर किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है. लेकिन एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में, हम इसे पूरा समर्थन दे रहे हैं, और हमें ऐसा करने का अधिकार है.''


प्रियंका गांधी के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की की- हुड्डा


यह पूछने पर कि क्या उनकी पार्टी हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को चुनाव में टिकट देगी?, हुड्डा ने कहा, "यह किसानों का मुद्दा है, जो चुनाव से बड़ा है." कांग्रेस ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला तेज करते हुए उसपर अहंकारी होने और किसानों की मांगों पर कम ध्यान देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''भाजपा ने किसानों की मांगों की अनदेखी की है और अहंकार के सिंहासन पर कब्जा कर लिया है, जहां से किसानों की 'पगड़ी' दिखाई नहीं दे रही है.''


प्रियंका गांधी के साथ रविवार रात को लखीमपुर रवाना होते वक्त के घटनाक्रम को याद करते हुए हुड्डा ने कहा, ''वहां धारा 144 लागू होने के कारण सिर्फ चार कांग्रेसी नेता जा रहे थे. हर चौराहे पर हमें रोका गया. अगर लखीमपुर खीरी में इतना पुलिस बल तैनात किया जाता तो हिंसा से बचा जा सकता था.'' उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का जिक्र करते हुए कहा, ''इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया. मंत्री ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है और न ही उन्हें हटाया गया है. उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.'' हुड्डा ने दावा किया कि उनके और प्रियंका गांधी के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की की. उन्होंने कहा, ''लेकिन, यह कोई मुद्दा नहीं है. असली मुद्दा किसानों का है.''


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