Deepotsav 2023: अयोध्या सांसद ने प्रशासन के दावे पर उठाए सवाल, कहा- पिछले साल भी दीपोत्सव में नहीं मिला था सहयोग
Deepostsav 2023: दीपोत्सव में जन भागीदारी बढ़ाने पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साधु संतों की बैठक हुई. बैठक में अयोध्या सांसद लल्लू सिंह भी शामिल रहे. उन्होंने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए.
Deepawali Mahaparva 2023: राम की नगरी अयोध्या में हर साल नया कीर्तिमान बन रहा है. अयोध्या में इस बार भी दीपोत्सव का पुराना रिकॉर्ड टूटनेवाला है. इस बार का दीपोत्सव राम भक्तों के लिए दोहरी खुशी लेकर आ रहा है. अगले साल 22 जनवरी को रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है. राम जन्मभूमि परिसर में दीपोत्सव भव्य तरीके से मनेगा. दीपोत्सव पर हर वर्ष एक लाख दीपक राम जन्मभूमि परिसर में जलाए जाते हैं. इस बार संख्या बढ़ाने के साथ निर्माणाधीन मंदिर को भी दीपकों से सजाया जाएगा.
अयोध्या में दीपोत्सव का टूटेगा पुराना रिकॉर्ड
राम मंदिर के अलावा 6 स्थान भी दीयों से जगमग होंगे. दीपोत्सव में जन भागीदारी बढ़ाने पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साधु संतों की बैठक हुई. बैठक में अयोध्या सांसद लल्लू सिंह भी शामिल रहे. राम की पैड़ी पर होने वाले दीपोत्सव में जन सहभागिता बढ़ाने के लिए विचारों का आदान प्रदान हुआ. बैठक के बाद सांसद लल्लू सिंह ने जन भागीदारी में प्रशासन की भूमिका पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी लोगों ने दीपोत्सव कार्यक्रम से शानदार बनाने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था. लेकिन प्रशासन की तरफ से सहयोग नहीं मिला. स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम का खुद आयोजन किया. उन्होंने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा के तहत आनेवाले स्थानों पर इस बार भी दीपोत्सव मनाया जाएगा.
सांसद लल्लू सिंह ने प्रशासन पर साधा निशाना
बता दें कि योगी सरकार बनने के बाद 2017 में राम की पैड़ी पर दीपोत्सव कार्यक्रम शुरू हुआ. जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने विश्वास दिलाया कि सरकारी कार्यक्रम नहीं लोक कार्यक्रम होगा. लोक उत्सव में अयोध्या के 90 फीसद लोग शामिल होते हैं. मंदिर, घाट और अलग-अलग जगहों पर दीप प्रज्वलित होता है. जनप्रतिनिधी और प्रशासनिक अधिकारी भी प्रयास करते हैं. चौराहों पर दीप जलाने की परंपरा में लोग सहभागी बनते हैं. राम लला देवस्थान मंदिर के महंत राघवाचार्य ने सुझाव दिया कि दीपोत्सव कार्यक्रम को लगातार जारी रखने के लिए जरूरी है कि संस्था बनाकर बजट का प्रबंध किया जाए. हनुमानगढ़ी नाका के महंत रामदास ने जन सहभागिता के लिए प्रचार प्रसार की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि रामनवमी त्रेता युग से मनाई जा रही है.