नई दिल्ली. यूपी में योगी सरकार की ओर से हाल ही में लाए गए लव जिहाद अध्यादेश की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तारीफ की है. राजनाथ सिंह ने कहा कि वो खुद भी शादी के लिए धर्मांतरण का समर्थन नहीं करते हैं.


एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि धर्मांतरण की जरूरत क्यों है. सामूहिक धर्मांतरण का प्रयास रुकना चाहिए. जहां तक मैं जानता हूं कि मुस्लिम धर्म में कोई भी दूसरे धर्म में शादी कर सकता है. निजी तौर पर मैं शादी के लिए धर्मांतरण को मंजूर नहीं करता हूं." लखनऊ से बीजेपी सांसद राजनाथ ने आगे कहा कि प्राकृतिक विवाह और शादी के लिए जबरन धर्मांतरण में अंतर है.


उन्होंने कहा, "कई बार देखा गया है कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जाता है जबकि कई बार लालच देकर भी धर्मांतरण कराया जाता है. प्राकृतिक विवाह और शादी के लिए जबरन धर्मांतरण में बड़ा फर्क है. मैं सोचता हूं कि सरकार ने इन सब बातों को ध्यान में रखकर लव जिहाद कानून बनाया है."


उन्होंने आगे कहा, "मेरा विश्वास है कि एक सच्चा हिंदू कभी भी जाति, धर्म और संप्रदाय के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा. हमारे धार्मिक ग्रंथ भी इसकी इजाजत नहीं देते. भारत इकलौता ऐसा देश है जिसने "वसुधैव कुटुंबकम" का संदेश दिया.


लव जिहाद कानून के खिलाफ कई रिटायर्ड आईएएस
उधर, यूपी में लव जिहाद कानून को लेकर विरोध तेज होता जा रहा है. इस कानून को लेकर 104 रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है. इन अधिकारियों ने चिट्ठी में लव जिहाद कानून का विरोध किया है. पूर्व अधिकारियों ने कानून के उपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए इसको लेकर अपनी अस्वीकृति जाहिर की है. पत्र लिखने वालों में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर, के सुजाता राय और एएस दौलत भी शामिल हैं.


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