UP Politics: लखनऊ में तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मौलाना बिलाल नदवी से की मुलाकात
Rajnath Singh Lucknow Visit: मौलाना बिलाल नदवी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड से मोहब्बतें नहीं पैदा होती. हमें मोहब्बतों को आगे बढ़ाने वाली चीजों का सोचने की जरूरत है, इस कोड से नुकसान का अंदेशा है.
Rajnath Singh Met Maulana Bilal Nadvi: रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह आज अपने तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे. राजनाथ सिंह लखनऊ एयरपोर्ट से सीधे नदवा कॉलेज पहुंचे. करीब 20 मिनट तक उन्होंने नदवा के चांसलर मौलाना बिलाल नदवी समेत अन्य इस्लामिक स्कॉलर्स के साथ मुलाकात की.
रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह आज अपने तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे. राजनाथ सिंह लखनऊ एयरपोर्ट से सीधे नदवा कॉलेज पहुंचे. करीब 20 मिनट तक उन्होंने नदवा के चांसलर मौलाना बिलाल नदवी समेत अन्य इस्लामिक स्कॉलर्स के साथ मुलाकात की. रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद नदवा के चांसलर मौलाना बिलाल नदवी ने कहा आज हमारी कोई सियासत की बात नहीं हुई. जैसे कोई खानदान का आदमी आता है, वह मुल्क के बड़े हैं तो यहां पर आए. हां मुल्क के मुद्दों का जरूर बात हुई. सियासी दलों ने मुल्क को दांव पर लगा रखा है, जरूरत इस बात की थी के मुल्क को आगे बढ़ाया जाए. सियासी दलों को पार्टी से उठकर मुल्क की बात होनी चाहिए जिसकी जरूरत है.
मौलाना बिलाल नदवी ने कहा कि हमारा इदारा पुराना है. इसका काम ही इंसानियत का पैगाम देना है. एजुकेशन ऐसी चीज है जिससे सबसे बढ़कर इंसानियत पैदा की जा सकती है अगर उसमें सही मोरल का ख्याल रखा जाए. यह काम हमेशा यहां से हुआ है. यह इतना पुराना इदारा है कि मुल्क के बड़े-बड़े लोग यहां आए, कई बार प्रधानमंत्री यहां आ चुके. अटल बिहारी वाजपेई जब प्रधानमंत्री थे तब यहां आ चुके. आज राजनाथ सिंह से भी हम ने कहा कि इस मुल्क की कश्ती में जो लोग सुराख कर रहे उनका हाथ पकड़ने की जरूरत है. हमें खुद को बाकी रखना है, आगे बढ़ाना है, हिफाजत करनी है. यह तब होगा जब यहां रहने वाले सभी लोगों की हम फिक्र करें, उन्हें साथ लेकर चले और मोहब्बत के साथ जीना सीखें. पूर्व चांसलर राबे हसन नदवी साहब से मिलने वह पहले भी दो बार आए थे, उनका यह पुराना ताल्लुक है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड से मोहब्बतें नहीं पैदा होती
एबीपी गंगा के सवालों का जवाब देते हुए मौलाना बिलाल नदवी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड से मोहब्बतें नहीं पैदा होती. जब वर्ल्ड वॉर हुआ तो क्या अलग-अलग कोड के मानने वाले लोग थे? उनका सब कुछ एक था लेकिन करोड़ों लोगों की जाने गईं. हमें मोहब्बतों को आगे बढ़ाने वाली चीजों का सोचने की जरूरत है. हमें इस कोड से नुकसान का अंदेशा है. यहां जो लोग बसने वाले हैं नॉर्थ के, साउथ के सब के निजाम अलग हैं. अलग-अलग मजहब के लोग हैं. मसला मजहब का नहीं है सबकी अपने लॉ है. जो यहां का एक कॉमन कानून है वह तो सब मानते हैं, बुनियादी चीज है वह लेकिन हमारे अंदर के जो इख्तियारात दिए गए हैं उसे बाकी रहना चाहिए.
सलमान उनके साथ है जो इंसानियत-मोहब्बत के साथ
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के लाभार्थी सम्मेलन और सियासी दलों की अल्पसंख्यकों को अपना बताने वाली सियासत पर मौलाना नदवी ने कहा की मुसलमान उनके साथ है जो इंसानियत, मोहब्बत के साथ, सबको साथ लेकर आगे बढ़े. मुसलमानों का किसी पार्टी से ऐसा ताल्लुक नहीं है किसी के साथ रिश्ता लिखा दिया हो. जो सब के साथ मुल्क को आगे बढ़ाने का काम करेगा मुसलमान उसके साथ है. सब लोग अपना काम अपने सम्मेलन कर रहे, हमें अपना काम करना है.