Dehradun: मार्च 2023 के बाद देहरादून की सड़कों पर नजर नहीं आएंगे 10 साल पुराने डीजल ऑटो, पर्यावरण बचाने लिया फैसला
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में वायु प्रदूषण से स्थिति बिगड़ रही है जिसकी वजह से पर्यावरण को बचाने की मुहिम के तहत सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. यह फैसला अगले वित्त वर्ष से प्रभावी होगा.
Uttarakhand News: देहरादून (Dehradun) में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 31 मार्च 2023 के बाद से 10 साल पुराने हो चुके ऑटो-विक्रम को सड़कों से बाहर कर दिया जाएगा. वहीं बाकी बचे सभी डीजल वाले ऑटो-विक्रम (Auto-Vikram) 31 दिसंबर 2023 से बंद कर दिए जाएंगे. पर्यावरण के लिहाज से यह फैसला किया गया है कि सड़कों पर अब सीएनजी वाले वाहन ही दौड़ेंगे.
देहरादून में करीब 2300 ऑटो चलते हैं
देहरादून में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. राजधानी के अलावा ऋषिकेश, हरिद्वार और रुड़की में भी सीएनजी, इलेक्ट्रिक और एलपीजी से संचालित ऑटो-विक्रम और सिटी बसों को लेकर प्लान तैयार किया गया है. इसके लिए डेडलाइन भी तय कर दी गई है. संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में ये फैसला लिया गया है. देहरादून में 2300 के करीब ऑटो और 800 के करीब विक्रम चलते हैं. देहरादून में 170 के करीब सिटी बसें चलती हैं. परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि पर्यावरण को देखते हुए ये फैसला जरूरी है. सीएनजी से वाहन संचालित हों इसके लिए सरकार व्यवस्था करने में जुटी है. उधर सिटी बस संचालकों ने अपनी मांग भी विभाग के सामने रखी है.
सीएनजी बस के लिए मांगी जा रही सब्सिडी
बस संचालकों ने पर्यावरण को लेकर लिए गए इस फैसले का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही ये भी कहा कि सीएनजी बस लगभग 25 लाख कीमत तक उन्हें खरीदनी होगी. ऐसे में उन्हें सब्सिडी दी जाए. दून की आबोहवा दिनों दिन बढ़ते प्रदूषण के चलते बिगड़ रही है. पर्यावरण का स्वास्थ्य ठीक रहे इसको लेकर ये फैसला आरटीए की बैठक में हुआ है. लेकिन इसको धरातल पर उतारने के लिए सरकार को पहले सीएनजी पैट्रोल पंपों की पूरी व्यवस्था इन शहरों में करनी होगी, तभी ये प्लान सफल हो पायेगा, क्योंकि अभी देहरादून शहर में मात्र पांच सीएनजी पेट्रोल पंप ही संचालित हो रहे हैं.
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