Dehradun: कस्टडी से भाग युवक ने नदी में कूदकर दी जान, पुलिस के दावे पर बोला परिवार- खुदकुशी की झूठी कहानी गढ़ी जा रही
उत्तराखंड में पुलिस कस्टडी से कथित रूप से भागकर नदी में कूदकर जान देने वाले युवक के परिजनों ने अब गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि युवक की मौत पुलिस की प्रताड़ना से हुई है.
Uttarakhand News: पौड़ी के लक्ष्मण झूला (Laxman Jhula) इलाके में कथित चोरी के आरोप में पकड़े गए 19 साल के केदार भंडारी (Kedar Bhandari) की मौत मामले में परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस ने दावा किया था कि उसने हिरासत से भागकर नदी में कूदकर जान दे दी, जबकि परिजनों का कहना है कि पुलिस हिरासत में यातना के कारण उसकी मौत हुई है लेकिन पुलिस झूठी कहानी गढ़ रही है.
परिजनों के वकील ने लगाया यह आरोप
परिजनों का कहना है कि वह आर्मी में भर्ती होना चाहता था. लक्ष्मण झूला पुलिस बिना किसी शिकायत के चोरी के मामले में उसे उठाया और कस्टडी में रखे मासूम के साथ जुल्म किए गए. मामला 22 अगस्त का है पुलिस का कहना है कि केदार ने नदी में छलांग लगा दी जबकि परिजनों का आरोप है कि जब केदार के खिलाफ कोई शिकायत ही नहीं थी तो पुलिस ने केदार को हिरासत में क्यों रखा. अब केदार के पिता ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है. पुलिस के खिलाफ आरोप लगाते हुए परिवार के वकील का कहना है कि पुलिस ने बिना किसी शिकायत के मासूम को हवालात में डाला दिया. वकील का आरोप है कि केदार को झूठे मामले में पुलिस ने थाने में ऐसी यातनाएं दी हैं और उसके साथ हिरासत में ही हादसा हो गया और पुलिस नदी में छलांग लगाने की कहानी बना रही है.
विवाद बढ़ने पर थाना इंचार्ज को हटाया गया
उधर पुलिस का कहना है कि उनको चोरी की सूचना मिली थी जिस सूचना पर केदार को लक्ष्मण झूला पुलिस लेकर आई और उसे बैरक में बैठा कर रखा था. एसएसपी पौड़ी का कहना है कि चोरी के खिलाफ तहरीर आने का इंतजार किया जा रहा था और इसी दौरान केदार पीआरडी जवान को धक्का देकर भाग गया और नदी में कूद गया. पुलिस दावा कर रही है कि युवक का भागता हुआ वीडियो सीसीटीवी में भी कैद हुआ है जिसके पीछे-पीछे पुलिसकर्मी भी भागती दिख रहे हैं. मामले को तूल पकड़ते देख अब डीजीपी ने जांच के आदेश दिए और लक्ष्मण झूला के थाना इंचार्ज को हटा दिया है.
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