Uttarakhand News: स्मार्ट सिटी (Smart City) को लेकर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के बाद धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली (Vinod Chamoli) ने भी बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि स्मार्ट सिटी को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीड़ा सही है. दरअसल, पूर्व सीएम ने कहा था कि स्मार्ट सिटी निर्माण कार्य की प्रगति निराशाजनक है. पहले स्मार्ट सिटी का काम बहुत अच्छे से चल रहा था और बार-बार स्मार्ट सिटी के सीईओ को बदलना ठीक नहीं है.
सीईओ बदलने से हो रही लापरवाही- विनोद चमोली
विनोद चमोली देहरादून के मेयर भी रहे हैं और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के दौरान उन्हीं के मेयर रहते देहरादून का स्मार्ट सिटी ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था. लेकिन स्मार्ट सिटी को लेकर बीजेपी के ही तमाम बड़े नेता सवाल खड़े कर रहे हैं. विनोद चमोली का कहना है कि 2018 में जो स्मार्ट सिटी का ब्लूप्रिंट तैयार किया था, उसके अनुसार स्मार्ट सिटी नहीं बन पाई है. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की बात सही है कि बार-बार सीईओ बदलने से काम में लापरवाही होती है और ठीक से काम नहीं हो पाता, उनका कहना है कि इसके लिए किसी एक सीनियर अधिकारी को सीईओ बनाना चाहिए था ताकि काम ठीक तरीके से हो सके.
विनोद चमोली से पहले यह विधायक उठा चुके हैं मुद्दा
विनोद चमोली ने कहा, 'जो स्थिति देहरादून शहर की हुई है उसके लिए मुझे व्यक्तिगत पीड़ा हुई है. जो स्मार्ट सिटी के तहत काम किए जाने थे वह नहीं हो पाए, पूरे शहर को खोदा गया है, लेकिन स्मार्ट नहीं बन पाया. परेड ग्राउंड की स्थिति भी दयनीय हो गई है.' उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शासनकाल के दौरान भी उन्होंने कई बार इन मुद्दों को उठाया था और उनसे स्मार्ट सिटी के बेहतर काम के लिए कहा था उस वक्त से लेकर आज तक स्मार्ट सिटी का काम जस का तस पड़ा है. विनोद चमोली से पहले रायपुर से विधायक उमेश शर्मा काऊ ने इस मसले पर अपनी राय रखी थी और कहा था कि स्मार्ट सिटी का काम काफी धीमी रफ्तार से चल रहे हैं, जिससे आम लोगों की परेशानी हो रही है.
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