Uttarakhand News: देहरादून (Dehradun) स्मार्ट सिटी सरकार के लिए मुसीबत बनती जा रही है, जहां एक तरफ बीजेपी के ही लोग स्मार्ट सिटी (Smart City) को लेकर अपनी ही सरकार की खिलाफत कर रहे हैं. वहीं अब स्मार्ट सिटी के तहत हुए कामों को बदलने की कवायद भी शुरू हो गई है. बात सिर्फ बदलने की ही नहीं है, बल्कि बने बनाए निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त भी किया जाएगा. इसमें लाखों का नुकसान होगा. 


मंच पर होने वाले थे बड़े आयोजन


स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत देहरादून में मंच लगभग 30 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है. ये मामूली मंच नहीं है, बल्कि इस मंच पर राज्य सरकार के बड़े आयोजन तक होने थे. आयोजनों के साथ-साथ बड़ी रैलियों के लिए ये मंच तैयार किया गया था, ताकि चुनावी माहौल में बड़े राजनेता, जनता को संबोधित यहां से करें. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस मंच को बड़े-बड़े इंजीनियर और अधिकारियों ने बनवाया था. अब उनकी मेहनत मिट्टी में मिलने जा रही है यानी कि ये मंच अब तोड़ दिया जाएगा और जनता के टैक्स के 30 लाख रुपये मिट्टी में मिल जाएंगे.


त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी जताई नाराजगी


इस बात से न सिर्फ जनता नाराज है कि उनकी गाढ़ी कमाई के पैसे को एक साल के अंदर ही इस तरह से बर्बाद किया गया बल्कि बीजेपी के नेता भी इस पर सवाल उठा रहे हैं. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तो स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर काफी खफा नजर आए और अब मंच भी तोड़ा जा रहा है.


बीजेपी के विधायक खजान दास भी अपनी ही सरकार से खासा नाराज हैं. खजान दास स्मार्ट सिटी की नाराजगी पर धरना देने तक की बात कह चुके थे. उनकी नाराजगी जायज है क्योंकि स्मार्ट सिटी के सबसे ज्यादा काम राजपुर विधानसभा में हो रहे हैं, जो खजान दास की विधानसभा है. देहरादून में 2017 के बाद से स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है. हैरीनी की बात यह है कि जब से काम शुरू हुआ तब से अब तक, कामों को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन मामला अब और गंभीर इसलिए भी है क्योंकि बने बनाए निर्माण भी अब तोड़ा जा रहा है.


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