देहरादून के युवक को 63 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, जालसाजों ने 2.38 लाख का लगाया चूना
Uttarakhand News: देहरादून में एक युवक को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया. उन्होंने उसे नशा तस्करी में गिरफ्तारी का डर दिखाकर 63 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 2.38 लाख रुपये ठग लिए.
Dehradun News: उत्तराखंड के देहरादून में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे देहरादून का युवक का डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गया. जालसाजों ने नशा तस्करी में गिरफ्तारी का डर दिखाकर साइबर ठगों ने लगभग 63 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा और 2.38 लाख रुपये ठग लिए. आरोपियों ने कस्टम विभाग व साइबर सेल दिल्ली का अधिकारी बनकर युवक को वीडियो काल की और उसके नाम पर मिले कूरियर में प्रतिबंधित नशे की सामग्री होने की बात कही. युवक की शिकायत पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
जाखन निवासी उदय शर्मा ने पुलिस को बताया कि वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. 24 अगस्त को देर रात उसके मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से कॉल आई, काल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल का कर्मचारी बताया और कहा कि उदय के नाम से आए कूरियर को कस्टम विभाग ने पकड़ा है. जिसमें अवैध पासपोर्ट व प्रतिबंधित नशे की सामग्री है. कस्टम विभाग ने कुरियर जांच के लिए साइबर थाने को भेजा है. इसके बाद उदय को वीडियो कॉल से जोड़ा गया. वहीं उसे बोला गया कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया गया है.
क्या बोले एसएसपी आयुष अग्रवाल
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसमें काल करने वाला विभिन्न तरह के अपराध में गिरफ्तारी का भय दिखाता है. फिर वीडियो कॉल पर अपने सामने बैठकर पुलिस अधिकारी बनकर पूछताछ करता है. साइबर ठग वीडियो काल के दौरान बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन की तरह बना लेते हैं. जिसे देखकर पीड़ित डर जाता है और उनके जाल में फंस जाता है. पीड़ित को वीडियो काल से हटने नहीं दिया जाता और न किसी से संपर्क करने दिया जाता है.
साइबर ठगों ने पीड़ित से 2.38 लाख वसूले
साइबर सेल का सब इंस्पेक्टर प्रदीप सावंत बताया कि आरोपी पुलिस की वर्दी में था, पीड़ित को लगातार वीडियो कॉल पर जुड़े रहने को कहा गया. आरोपियों ने किसी को जानकारी देने पर स्वजन को भी गिरफ्तार करने की धमकी दी. उदय के बैंक खाते में 2.38 लाख प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवक को साइबर ठगों ने निशाना बनाया. नशा तस्करी में गिरफ्तार करने का भय दिखाया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
ऐसे बचा जा सकता है डिजिटल अरेस्ट होने से
अनजान नंबर से आए किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें. अनजान फोन काल पर पर्सनल या बँक संबंधी जानकारी न दें पर्सनल डेटा और किसी भी तरह के ट्रांजेक्शन प्लेटफार्म पर मजबूत पासवर्ड लगाकर रखें. थर्ड पार्टी एप डाउनलोड न करें, किसी भी अनाधिकारिक प्लेटफार्म से कुछ इंस्टॉल न करें. लैपटॉप मोबाइल समेत सभी डिवाइस में अपलोड एप को अपडेट रखें.
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