Dehradun Gang Rape Case: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अंतरराज्यीय बस अड्डे (ISBT) पर नाबालिग लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच के लिए सोमवार को देहरादून के नगर पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर दिया गया. देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने यहां बताया कि इस प्रकरण की संवेदनशीलता तथा मामले की गुणवत्तापूर्ण जांच सुनिश्चित करने के लिए इस आठ सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है.


बारह अगस्त की रात को 16 वर्षीय लड़की के साथ उत्तराखंड परिवहन निगम की बस में हुई कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बारे में शनिवार शाम को पता चलने के बाद पटेल नगर पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 70 (2) तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा पांच (जी)/छह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.


क्या है मामला
इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रविवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें वारदात में प्रयुक्त हुई बस के चालक और परिचालक के अलावा अन्य बसों के दो चालक और परिवहन निगम का एक कैशियर शामिल है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली नाबालिग लड़की दिल्ली में कश्मीरी गेट बस अडडे पर पंजाब जाने वाली बस के बारे में जानकारी ले रही थी और आरोपियों ने उससे देहरादून चलने और वहां से पंजाब की बस पकड़ने का सुझाव देकर अपनी बस में बैठा लिया था.


रात में आईएसबीटी देहरादून में बस के पहुंचने पर सभी सवारियां उतर गयीं जिसके बाद बस के चालक धर्मेंद्र और परिचालक देवेंद्र ने लड़की के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया. वहां खड़ी बसों के दो चालकों—रवि और राजपाल को जब यह जानकारी मिली तो उन्होंने भी लड़की के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया. देवेंद्र जब पैसा जमा कराने कैश काउंटर पर गया तो उसने यह बात कैशियर राजेश सोनकर को बताई तो उसने भी बस में जाकर लड़की के साथ कथित दुष्कर्म किया.


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आरोपियों को रिमांड पर ले सकती है SIT
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया कि एसआईटी द्वारा दिल्ली से देहरादून तक बस आने के दौरान बीच में रुकने वाले ढाबा आदि से लेकर आईएसबीटी तक के फुटेज लेने के लिए एक टीम भेजी है. उन्होंने बताया कि एसआईटी जल्द साक्ष्यों को पुख्ता करने के लिए आरोपियों का हिरासत रिमांड ले सकती है.


पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसआईटी के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी पहलुओं की गहन विवेचना कर घटना में शामिल सभी आरोपियों के विरुद्ध प्रभावी साक्ष्यों को एकत्र किया जाए जिससे न्यायालय में भी आरोपियों के खिलाफ ठोस मामला चलाया जा सके.