Uttarakhand News: उत्तराखंड विधानसभा (Assembly) भर्ती घोटाला मामले को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Premchand Aggarwal) पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल ने युवाओं का हक छीना है. 


प्रेमचंद का पद पर बना रहना उत्तराखंड के लिए दुर्भाग्य - हरक सिंह


हरक सिंह रावत ने कहा, 'उत्तराखंड का दुर्भाग्य हैं कि प्रेमचंद अग्रवाल अभी मंत्री बने हुए है. मुझ पर भी बहुत पहले आरोप लगे लेकिन मैंने खुद इस्तीफा दे दिया था प्रेमचंद पर भी आरोप लगे हैं तो प्रेमचंद्र अग्रवाल को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.'  उन्होंने साथ ही कहा कि प्रेमचंद्र अग्रवाल को बीजेपी केंद्रीय आलाकमान की तरफ से अब तक हटा दिया जाना चाहिए था क्योंकि वह विधानसभा में हुई भर्ती घोटाले के जिम्मेदार हैं.


मेरी तरह दिखाएं बड़ा दिल - हरक सिंह


बीजेपी से निष्कासित किए जाने के बाद कांग्रेस का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत ने कहा, ' प्रेमचंद्र अग्रवाल के साथ-साथ सहकारिता विभाग, ओपन यूनिवर्सिटी और विधानसभा में भर्ती संबंधित सभी जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए. 2003 में जेनी प्रकरण में मेरा नाम सामने आया लेकिन मैंने जांच कराने के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दिया इसलिए प्रेमचंद अग्रवाल को भी नैतिकता के आधार पर खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए. जांच की मांग खुद करनी चाहिए.  जिस तरह से मैंने इस्तीफा दे दिया था मेरे जैसा दिल प्रेमचंद अग्रवाल दिखाएं और अपना इस्तीफा नैतिकता के आधार पर सौंप दें.'


Shamli News: जेल में बंद विधायक नाहिद हसन से मुलाकात करने पहुंचा सपा प्रतिनिधिमंडल, सरकार पर लगाए ये आरोप


मुलायम सिंह यादव के स्वस्थ होने की कामना की


इस दौरान उन्होंने सपा नेता मुलायम सिंह यादव के बारे में भी बात की और बाबा बद्रीनाथ से उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की. हरक सिंह रावत ने कहा, 'मुलायम सिंह यादव बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं. मैंने विपक्ष में रहते हुए जो काम मुलायम सिंह यादव को कहा था उन्होंने मेरे सब काम किए और जनपद पौड़ी से संबधित हर काम को प्राथमिकता दी. भगवान उनको जल्द स्वस्थ करे क्योंकि वह लोकप्रिय नेताओ में से एक हैं.' 


ये भी पढ़ें -


Gorakhpur News: गोरखपुर में दशहरा पर लगेगी 'संतों की अदालत', दंडाधिकारी बन सीएम योगी सुलझाएंगे विवाद, जानिए- परंपरा?