Dehradun News: आईएफएस अधिकारी राहुल बीते अगस्त महीने में उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क का नया डायरेक्टर बनाया गया था. आईएफएस अधिकारी राहुल को राजाजी नेशनल पार्क में पोस्टिंग मिलने पर, वन्यजीव संरक्षण और मैनेजमेंट का जिम्मा देने पर जमकर विवाद हुआ था. ऐसे में अब एक महीने से भी कम वक्त में उनके पद से हटा दिया गया है.


देहरादून के राजा जी नेशनल पार्क से आईएफएस राहुल को हटाया गया. पिछले दिनों उनकी नियुक्ति को लेकर काफी बवाल मचा था, जिसके बाद अब शासन ने अपने फैसले को वापस ले लिया है. राहुल को उनके पद से फिलहाल हटा दिया गया है.


आईएफएस राहुल को किया गया था पार्क का डायरेक्टर नियुक्त 
उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व में आईएफएस अधिकारी राहुल को निदेशक पद पर तैनाती के लिए सरकार स्तर पर चल रहे विचार को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब 19 जुलाई को सचिव आरके सुधांशु ने ऑनलाइन नोटिंग करते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पातन मामले का जिक्र कर विपरीत नोटिंग की. इसी के बाद कई दिनों तक राजाजी टाइगर रिजर्व में किसी को पोस्टिंग नहीं हो पाई और धर्म सिंह मीणा को अतिरिक्त चार्ज देने पर फाइल आगे बढ़ गई, लेकिन बाद में आईएफएस राहुल को ही रहा जी नेशनल पार्क का डायरेक्टर नियुक्त किया गया.


अचानक हटा दिए गए आईएफएस अधिकारी राहुल
बता दें की बाद में अचानक सरकार ने फिर से आईएफएस अधिकारी राहुल को ही निदेशक बनाने पर विचार शुरू कर दिया और सीएम धामी के अनुमोदन के बाद राहुल को निदेशक बना भी दिया गया, लेकिन बाद ने इस मामले में सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और रातों रात अचानक आईएफएस अधिकारी राहुल को राजा जी नेशनल पार्क हटा दिया गया.


इस पद अब काम करेंगे राहुल
राजा जी नेशनल पार्क आईएफएस अधिकारी राहुल को शासन स्तर पर जारी आदेश के अनुसार 3 सितंबर को राहुल ने राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पद से खुद को हटाने की इच्छा जाहिर की, जिसके बाद शासन द्वारा उन्हें हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. जारी किए गए आदेश के अनुसार अब राहुल को उनके निदेशक पद से अवमुक्त कर दिया गया है और फिर से पूर्व की जिम्मेदारियां को उन्हें सौंप दी गयी है. मुख्य वन संरक्षक अनुकरण मूल्यांकन आईटी और आधुनिकीकरण के पद पर अब राहुल काम संभालेंगे.


क्या बोले वन मंत्री सुबोध उनियाल?
आईएफएस अधिकारी राहुल की पोस्टिंग और उनको हटाने का मामला फिलहाल न केवल उत्तराखंड बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है इस मामले में खुद वन मंत्री सुबोध उनियाल खुल कर इस बात को बोल चुके हैं कि पाखरो सफारी मामले को लेकर कई आईएफएस अधिकारी आपसी लड़ाई में फंसे हुए हैं और उन्हीं की वजह से लगातार विभाग और सरकार की बदनामी हो रही है. 


वन मंत्री सुबोध उनियाल यहां तक कहा की इस में वो जांच करवाएंगे ताकि साजिश करने वाले जयचंदो का पता लग सकें. फिलहाल इस मामले के शासन ने आईएफएस अधिकारी राहुल को उनके निवेदन पर उनको राजा जी पार्क से कार्य मुक्त कर दिया है और उनको फिर से उनके पुराने विभाग सौंप दिए गए हैं.


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