देहरादून: 'भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम', इसी गीत के साथ शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए ) में अंतिम पग भरते ही 325 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. इसके साथ ही 70 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने परेड की सलामी ली.
दर्शक दीर्घा में बैठे लोग हुए मंत्रमुग्ध
शनिवार को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ परेड के लिए पहुंचे. इसके बाद परेड कमांडर माजी गिरिधर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली. कैडेट्स की शानदार मार्च पास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया. उप सेना प्रमुख ने कैडेटों को ओवर ऑल बेस्ट परफॉर्मेंस और अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा.
कई सैन्य अधिकारी रहे मौजूद
वतनदीप सिद्धू को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. जबकि, माजी गिरिधर को स्वर्ण, निदेश सिंह यादव को रजत, शिखर थापा को कांस्य पदक मिला. जसमिंदर पाल सिंह सिद्धू ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया. तंदिन दोरजी सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए. इस दौरान आईएमए कमान्डेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जगजीत सिंह मंगत समेत कई सैन्य अधिकारी मौजूद रहे.
कोरोना की वजह से बरती गई सावधानी
कोरोना संकट के चलते पासिंग आउट परेड में तमाम स्तर पर एहतियात बरती गई. न केवल दर्शक दीर्घा, बल्कि परेड के दौरान भी शारीरिक दूरी के नियमों का पूरा पालन किया गया. हरेक मार्चिंग दस्ते में अमूमन 10 कैडेट एक लाइन में होते हैं पर इनकी संख्या 8 रखी गई जिससे कैडेटों के बीच रहने दो मीटर की दूरी बनी रहे.
395 सैन्य अधिकारी पास आउट हुए
पासिंग आउट परेड में में 395 सैन्य अधिकारी पास आउट हुए. 325 भारतीय, 9 मित्र देशों के 70 कैडेट्स पास आउट हुए. मित्र देशों में सबसे ज्यादा अफगानिस्तान के 41 कैडेट्स शनिवार यहां से निकले. जबकि भूटान के 17, तजाकिस्तान के 3, मॉरीशस के 1, नेपाल के 2, मालदीव के 1, वियतनाम के 3, श्रीलंका 1, म्यांमार का 1 कैडेट्स ने भी ट्रेनिंग पूरी की. देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी ने देश को अब तक 62 हजार से ज्यादा सैन्य अफसर दिए हैं.
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