Dehradun News: देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर भू माफियाओं का कब्जा एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है.अवैध रूप से सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर बाहरी राज्यों से लोगों को बसाने की घटनाएं सामने आ रही हैं.इससे न केवल स्थानीय जनसंख्या के संतुलन में बदलाव हो रहा है, बल्कि डेमोग्राफिक चेंज का खतरा भी मंडराने लगा है.
देहरादून के पछवा दून जैसे इलाकों में भू माफियाओं ने मिलकर सरकारी जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करना शुरू कर दिया है.स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी जमीनों के एग्रीमेंट करके पट्टे बेचे जा रहे हैं, जिसके तहत बाहरी लोगों को यहां बसाया जा रहा है.इन लोगों के आधार कार्ड और राशन कार्ड रातों-रात बन रहे हैं, जिससे उनकी पहचान स्थानीय निवासियों के रूप में स्थापित हो रही है.
सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा
विकासनगर, सहसपुर, और हरबर्टपुर जैसे क्षेत्रों में स्थिति गंभीर है. यहां बड़ी संख्या में सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है.जेसीबी मशीनों से रातों-रात खुदाई कर सड़कें बनाई जा रही हैं, ताकि बाहरी बिल्डरों और माफियाओं को फायदा पहुंचाया जा सके. स्थानीय लोग कई बार आवाज उठा चुके हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता से समस्या और विकराल हो गई है.
डेमोग्राफिक बदलाव और राजनीतिक मंशा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 'लैंड जिहाद' के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि राज्य की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. इससे पहले भी अवैध मजारों पर की गई कार्रवाई के बाद, 1000 एकड़ सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया था. धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
क्या बोले पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का मानना है कि यह डेमोग्राफिक बदलाव कुछ लोगों के राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है.उन्होंने पहाड़ों में बंदोबस्ती को सही विकल्प के रूप में पेश किया है, लेकिन साथ ही चिंता जताई है कि यह बदलाव पहाड़ों के लिए गंभीर संकट साबित हो सकता है.
कांग्रेस की गलती और भू कानून की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत ने इस मामले को लेकर सीधे तौर पर कहा कि कांग्रेस की गलतियों की वजह से पार्टी सत्ता से बाहर हुई है.उन्होंने भू माफियाओं के बढ़ते प्रभाव और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर चिंता जताई है.उनका कहना है कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं, जो राज्य के लिए बेहद खतरनाक है. वहीं, राज्य में भू कानून की मांग जोर-शोर से उठ रही है.स्थानीय ग्रामीण बार-बार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन उनकी आवाजें अनसुनी कर दी जाती हैं.
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