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Dehradun: महिला कांग्रेस नेताओं का अनोखा प्रदर्शन, सिर पर घास की गठरी रख कर डीएम ऑफिस पहुंचीं
उत्तराखंड में कांग्रेस की महिला मोर्चा की नेताओं ने देहरादून डीएम ऑफिस में अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया.कांग्रेस का यह प्रदर्शन पशुओं के लिए चारा लाने वाली महिलाओं की गिरफ्तारी के विरोध में था.

सिर पर घास की गठरी रखकर कांग्रेस की महिला नेताओं का प्रदर्शन
Uttarakhand News: प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला (Jyoti Rautela) के नेतृत्व में पार्टी की महिला नेताओं ने चमोली (Chamoli) जिले के हेलंग में पुशओं के लिए चारा लाने वाली महिलाओं के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार और उनकी गिरफ्तारी के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय में अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया. महिला कांग्रेस नेताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में सर पर घास की गठरी एवं दथुड़ी रख कर प्रदर्शन किया.
हेलंग की घटना को बताया शर्मनाक
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा की हेलंग की घटना शर्मनाक है. उत्तराखंड की अस्मिता व स्वाभिमान के ऊपर एक हमला है. ज्योति रौतेला ने कहा की सर्वविदित है कि उत्तराखंड की माता-बहने अपने पशुओं के लिए चारा ,घास आदि एकत्रित कर परिवार के जीवन यापन में सहयोग करती हैं. कमरतोड़ महंगाई की मार से त्रस्त माता- बहनों के साथ किया गया दुर्व्यवहार समस्त मातृ शक्ति का अपमान है. महिला कांग्रेस का आरोप है कि जल विद्युत परियोजनाओं के नाम पर हजारों- हजार नाली नाप भूमि, जंगल, चरागाह की भूमि, पनघट, मरघट, पंचायत की भूमि, कम्पनियों को पहले ही दे दी गई है. इसके बाद भी कंपनियों की नीयत लोगों की सामूहिक हक- हकूक की भूमि को भी हड़प लेने की है. इससे आम ग्रामीणों के सम्मुख घास चारा लकड़ी का संकट पैदा हो गया है. यह घटना इसी का परिणाम है.
हेलंग की घटना को बताया शर्मनाक
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा की हेलंग की घटना शर्मनाक है. उत्तराखंड की अस्मिता व स्वाभिमान के ऊपर एक हमला है. ज्योति रौतेला ने कहा की सर्वविदित है कि उत्तराखंड की माता-बहने अपने पशुओं के लिए चारा ,घास आदि एकत्रित कर परिवार के जीवन यापन में सहयोग करती हैं. कमरतोड़ महंगाई की मार से त्रस्त माता- बहनों के साथ किया गया दुर्व्यवहार समस्त मातृ शक्ति का अपमान है. महिला कांग्रेस का आरोप है कि जल विद्युत परियोजनाओं के नाम पर हजारों- हजार नाली नाप भूमि, जंगल, चरागाह की भूमि, पनघट, मरघट, पंचायत की भूमि, कम्पनियों को पहले ही दे दी गई है. इसके बाद भी कंपनियों की नीयत लोगों की सामूहिक हक- हकूक की भूमि को भी हड़प लेने की है. इससे आम ग्रामीणों के सम्मुख घास चारा लकड़ी का संकट पैदा हो गया है. यह घटना इसी का परिणाम है.
हरियाली के रक्षकों के साथ बदसलूकी का आरोप
महिला कांग्रेस ने ये भी कहा, डम्पिंग ज़ोन के नाम पर वहां हरे पेड़ काट दिए गए व चारागाह के इस अंतिम विकल्प को भी खत्म किया जा रहा है, जबकि कंपनी के पास मलबा डम्पिंग के लिए विकल्प उपलब्ध हैं. साथ ही कहा कि यह विडंबना ही है कि उत्तराखंड के राजकीय पर्व हरेला के अवसर पर न सिर्फ हरियाली नष्ट की गई बल्कि उस हरियाली के रक्षकों पोषकों के साथ भी बदसलूकी की गई, उन्हें गिरफ्तार किया गया और उनका चालान किया गया. महिला कांग्रेस ने घटना को लेकर ज्ञापन दिया और कहा की राज्य सरकार एक ओर घसियारी जुमले योजना की घोषणा कर रही है, वहीं महिलाओं के हाथ से उनकी काटी घास छीन कर उन्हें गिरफ़्तार कर दंडित कर अपमानित भी कर रही है, यही घास उनकी आर्थिकी की गठरी भी है. राज्य गठन में मातृ शक्ति के बलिदान को भी यह सरकार अपमानित कर स्थानीय जनता के हक़-हकूक पर अतिक्रमण कर रही है, कभी एसा हक़-हकूकों पर हमला ग़ुलाम भारत में अंग्रेज किया करते थे. अनुरोध किया कि राज्य सरकार को सम्बंधित दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कारवाई करनी चाहिए.
महिला कांग्रेस ने ये भी कहा, डम्पिंग ज़ोन के नाम पर वहां हरे पेड़ काट दिए गए व चारागाह के इस अंतिम विकल्प को भी खत्म किया जा रहा है, जबकि कंपनी के पास मलबा डम्पिंग के लिए विकल्प उपलब्ध हैं. साथ ही कहा कि यह विडंबना ही है कि उत्तराखंड के राजकीय पर्व हरेला के अवसर पर न सिर्फ हरियाली नष्ट की गई बल्कि उस हरियाली के रक्षकों पोषकों के साथ भी बदसलूकी की गई, उन्हें गिरफ्तार किया गया और उनका चालान किया गया. महिला कांग्रेस ने घटना को लेकर ज्ञापन दिया और कहा की राज्य सरकार एक ओर घसियारी जुमले योजना की घोषणा कर रही है, वहीं महिलाओं के हाथ से उनकी काटी घास छीन कर उन्हें गिरफ़्तार कर दंडित कर अपमानित भी कर रही है, यही घास उनकी आर्थिकी की गठरी भी है. राज्य गठन में मातृ शक्ति के बलिदान को भी यह सरकार अपमानित कर स्थानीय जनता के हक़-हकूक पर अतिक्रमण कर रही है, कभी एसा हक़-हकूकों पर हमला ग़ुलाम भारत में अंग्रेज किया करते थे. अनुरोध किया कि राज्य सरकार को सम्बंधित दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कारवाई करनी चाहिए.
जानिए आखिर क्या था पूरा मामला
चमोली जिले के हेलंग गांव की तीन महिलाएं और एक पुरुष चारा पत्ती लेकर आए थे. उन्हें सीआईएसएफ और पुलिस के जवानों ने रोक लिया था और जवानों ने चारों को वाहन में बैठने के लिए कहा था, जिसके बाद उनमें विवाद हो गया. जानकारी है कि जवानों ने उनसे जबरन चारा पत्ती के गट्ठर छीने और उनको जोशीमठ थाने ले गए. जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया. जानकारी है कि टीएचडीसी की पीपलकोटी विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के डंपिंग जोन से चारा पत्ती लेकर आ रही महिलाओं की पुलिस और सीआईएसएफ की महिला जवानों से तीखी झड़प हुई थी. पुलिस ने डंपिंग जोन को प्रतिबंधित बताते हुए यहां से चारा पत्ती न लेने को कहा था लेकिन महिलाओं ने कहा कि यह उनकी चारापत्ती की भूमि है और यहीं से लेकर जाएंगे. इसी बात को लेकर विवाद हुआ था जो अब राजनीतिक रूप ले चुका है और कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग कर रही है.
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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