देहरादून: उत्तराखंड की सियासत में रणनीतिक रूप से ग्राउंड लेवल पर लगातार आगे बढ़ रही आम आदमी पार्टी अब "आम आदमी" की नब्ज पर हाथ रखने की कोशिश में हैं. 'आप' में नंबर 2 माने जाने वाले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के भरोसेमंद साथी और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने दो दिन के कुमाऊं दौरे के दौरान हल्द्वानी में टाउन हॉल के नाम से एक कार्यक्रम करके जनता से न केवल सीधा संवाद किया बल्कि उनके सवालों के जवाब भी दिए.


कार्यकर्ताओ में जोश भरने का किया काम
टाउन हॉल कार्यक्रम में जनता से सीधे जुड़ने और उनके सवालों के जवाब में शालीनता के साथ संतुष्ट करने का भाव दिखा. टाउन हॉल एक ऐसा कार्यक्रम था जो यहां पर भाजपा और कांग्रेस ने कभी नहीं किया. जबकि, ये कार्यक्रम प्रदेश की भाजपा सरकार को शुरू कर देना चाहिए था. इसी वजह से अब आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड के सियासी तापमान में उछाल ला दिया है. खासतौर पर कुमाऊं में सिसौदिया के इस कार्यक्रम ने पार्टी के कार्यकर्ताओ में जोश भरने का काम किया है.


जनता से किया सीधा संवाद
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शनिवार को हल्द्वानी पहुंचे जहां उन्होंने "देवभूमि की बात" कार्यक्रम में जनता से सीधा संवाद करके ये बता दिया कि उनकी पार्टी उत्तराखंड में रस्म अदायगी भर के लिए नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र रावत अपने 4 साल के कार्यकाल में उत्तराखंड की जनता के लिए किए गए पांच काम भी नहीं गिना सकते. सिसोदिया ने कहा कि वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनौती दे रहे हैं कि वो उत्तराखंड के विकास कार्यों के लिहाज से किसी भी मुद्दे पर खुली बहस कर सकते हैं.


सीएम के पास जवाब नहीं
सिसोदिया ने कहा कि सीएम के पास उत्तराखंड की जनता को जवाब देने के लिए कुछ भी शेष नहीं है, उत्तराखंड राज्य में केवल इतना है कि हरीश रावत त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ कुछ नहीं बोलते और त्रिवेंद्र रावत हरीश रावत के खिलाफ कुछ नहीं बोलते. क्योंकि, दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों उत्तराखंड में स्टिंग मामलों में फंसे हुए हैं. भाजपा में यदि चुनावी दृष्टि ने देखा जाए, यदि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के चार दिवसीय दौरे को माइनस कर दिया जाय तो चुनावी माहौल बनाने में भाजपा राज्य में अपने विरोधी दल कांग्रेस से भी कहीं पीछे है.


70 सीटों पर लड़ेगी आम आदमी पार्टी
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने साफ किया कि उत्तराखंड में 'आप' पार्टी 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और केजरीवाल मॉडल पर काम करेगी. क्योंकि, उत्तराखंड का मॉडल स्टिंग मॉडल ऑफ गवर्नेंस है और पिछले 20 सालों में उत्तराखंड के अंदर केवल कांग्रेस और बीजेपी ने जनता को ऐसी ही सरकारें दी हैं. लिहाजा जनता का मन कुछ बदलाव करने का है और 'आप' पार्टी की कोशिश है कि वो उत्तराखंड की जनता के मानकों पर खरा उतर सके.



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