देहरादून: विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच किए गए कार्यों को लेकर चुनौती देने का जो सिलसिला शुरू हुआ है उससे सूबे की सियासत का पारा चढ़ने लगा है. पहाड़ों में हो रहे हिमपात की ठंडक से मैदान में भी लोग ठिठुरने रहे हैं, लेकिन आप और भाजपा की ये जंग प्रदेश में चल रही शीतलहर में आग लगाने को बेताब दिख रही है. कुल मिलकर ये लड़ाई काम पर आकर टिक गई है. राजनीति में ऐसा बहुत कम होता है कि बहस विशुद्ध रूप से सरकार के काम पर हो, वर्ना आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चुनाव की नैय्या पार करा देती है. लेकिन, आम आदमी पार्टी ने शायद इस बात को पकड़ लिया है कि किसी भी हाल में इस जंग को नतीजों तक ले जाना चाहती है.
दिलचस्प बनती दिख रही है सियासी लड़ाई
आम आदमी पार्टी पहले ही दिन से उत्तराखंड की भाजपा सरकार को घेरने की तैयारी में है. जितना फोकस भाजपा सरकार पर है उतना कांग्रेस पर नहीं है. यही वजह है कि चुनाव से पहले उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही लड़ाई दिलचस्प बनती दिख रही है. दोनों के बीच जिस तरह से वार-पलटवार शुरू हो गया है और आप की तरफ से त्रिवेंद्र सरकार को उसके किए गए काम गिनवाने की चुनौती दी जा रही है उससे लगता है कि भाजपा और आप के बीच की ये लड़ाई लम्बी चलने वाली है.
सिसोदिया ने दी चुनौती
आप नेता और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की चार साल में पांच काम गिनवाने की त्रिवेंद्र सरकार को दी गई चुनौती पर उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ मंत्री मदन कौशिक ने कहा पांच ही क्यों हम 100 काम गिनवा सकते है. लेकिन, इस पर जोरदार पलटवार करते हुए सिसोदिया ने कहा कि कौशिक मुझे डिबेट के लिए समय और स्थान बता दें, मैं अविलम्ब वहां पहुंच जाऊंगा. मदन कौशिक ने जैसे ही पांच की जगह 100 काम गिनाने का दावा किया तो सिसोदिया ने बगैर समय गवाए कहा कि कौशिक वरिष्ठ मंत्री है, मैं उनकी चुनौती स्वीकर करता हूं और मुझे खुले मंच पर डिबेट के लिए समय और स्थान बता दें, मैं सही वक्त पर पहुंच जाऊंगा.
सियासी जंग पर है जनता की नजर
अब मदन कौशिक ने फिर दोहराया है कि दिल्ली जाकर ही 100 काम गिनवा दूंगा. लेकिन, सिसोदिया का सवाल ये है कि पांच काम बताइए और खुली बहस की चुनौती के लिए स्थान और समय बता दीजिए. कौशिक ने ऐसा करने के बजाय इस मामले को राजनीतिक बयानबाजी की तरफ घुमाने का प्रयास किया है. अभी भी गेंद त्रिवेंद्र सरकार के पाले में है. सिसोदिया स्थान और समय पूछ रहे हैं और उत्तराखंड सरकार के मंत्री पांच की जगह 100 काम होने का दावा तो कर रहे है लेकिन चुनौती स्वीकार कर खुली बहस को तैयार होते नहीं दिख रहे है. फिलहाल, गेंद उत्तराखंड की भाजपा सरकार के पाले में है. इस मामले को जनता भी टकटकी लगाए देख रही है.
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