(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
उत्तराखंड: AAP और BJP के बीच छिड़ी सियासी जंग, बहस के लिए नहीं पहुंचे बीजेपी नेता मदन कौशिक
मनीष सिसोदिया ने एबीपी गंगा के साथ बातचीत में कहा कि लोकतंत्र को यदि कोई सबसे मजबूत बना सकता है तो वो है स्वस्थ चर्चा. बीजेपी की शायद यही संस्कृति है कि चुनौती स्वीकार करो और फिर भाग जाओ.
देहरादून: उत्तराखंड में सोमवार का दिन सियासी रूप से आम आदमी पार्टी के नाम रहा. अरविंद केजरीवाल के दिल्ली विकास मॉडल बनाम उत्तराखंड के त्रिवेंद्र मॉडल को लेकर खुले मंच पर बहस के लिए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तो पहुंचे लेकिन उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक मैदान में नहीं आए. लोगों ने खुली बहस में कौशिक के नहीं आने को लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं भी व्यक्त कीं. खुली बहस के इस खेल में एकतरफा मैच जीतने के बाद सिसोदिया तो दिल्ली रवाना हो गए लेकिन बीजेपी के शिविर में शाम तक सन्नाटा पसरा रहा. कोई बड़ा नेता प्रतिक्रिया देने तक नहीं आया.
मदन कौशिक ने लिया यू-टर्न दरअसल, ये खुली बहस उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के चार साल के पांच काम बताने के लिए निर्धारित थी. विगत 19 दिसम्बर को देहरादून दौरे के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड सरकार को चुनौती दी कि चार साल में पांच वो काम गिनवा दें जो पब्लिक के लिए सफलतापूर्वक कर लिए गए हों. 20 दिसम्बर को मदन कौशिक ने मीडिया से बातचीत में कहा, पांच ही क्यों हम सौ काम गिनवा देंगे. इसके बाद सिसोदिया ने कहा कि मुझे खुशी है कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए इस खुली बहस को स्वीकार करने के लिए कौशिक का शुक्रिया. लेकिन इतना होते ही मदन कौशिक ने यू-टर्न लिया और कहा कि वो दिल्ली में जाकर बहस करेंगे.
खुली बहस की दी चुनौती सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुद्दों पर दिल्ली में बात होगी और उत्तराखंड के मुद्दों पर उत्तराखंड में. लेकिन, जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ रहा था, कौशिक इस बहस से पलायन करने की फिराक में नजर आए. अंत में सिसोदिया ने देहरादून में खुली बहस के लिए 2 से 4 जनवरी का समय निर्धारित कर दिया.
मदन कौशिक नजर नहीं आए इस पूरे मामले की सबसे दिलचस्प कहानी ये है कि सोमवार को सिसोदिया तो मंच पर पहुंचे लेकिन मदन कौशिक नजर नहीं आए. खास बात ये है कि रविवार को कौशिक देहरादून में ही थे और उन्होंने सरकार की उपलब्धियों की लम्बी फेहरिस्त मीडिया के सामने रखी थी. इसी वजह से सोमवार को बहस के लिए नहीं आना लोगों को अखर गया.
कांग्रेस और बीजेपी की मिलीजुली सरकार मनीष सिसोदिया ने एबीपी गंगा के साथ बातचीत में कहा कि लोकतंत्र को यदि कोई सबसे मजबूत बना सकता है तो वो है स्वस्थ चर्चा. बीजेपी की शायद यही संस्कृति है कि चुनौती स्वीकार करो और फिर भाग जाओ. अब मैं कौशिक को और साथ में मुख्यमंत्री को फिर कह रहा हूं आप 6 जनवरी को इसी बहस के लिए दिल्ली आइये आपका स्वागत है. सिसोदिया ने कहा कि इस राज्य में मुख्यमंत्री बीजेपी का है और मंत्रिमंडल कांग्रेस का. यहां पर कांग्रेस और बीजेपी की मिलीजुली सरकार है.
सरकार ने कोई काम नहीं किया आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी और दिल्ली संगम विहार से विधायक दिनेश मोहनिया ने कहा कि कौशिक का खुली बहस में नहीं आना ये साबित करता है कि इस सरकार ने कोई काम किया ही नहीं है. यदि कुछ करते तो बहस करने की हिम्मत भी होती. कौशिक कल (रविवार) रात तक देहरादून में थे और आज (सोमवार) को उनका ऐसा कोई कार्यक्रम भी नहीं है, मीडिया के सामने उपलब्धियां गिनवा रहे हैं यहां आते तो पोल खुल जाती.
आम आदमी पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं उधर, बीजेपी नेता वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि सिसोदिया दिल्ली संभालें, आम आदमी पार्टी का यहां कोई अस्तित्व नहीं है, आप के नेता केवल भौकाल टाइट कर रहे हैं. उत्तराखंड ने पिछले चार साल में विकास के नए आयाम छुए हैं, इसलिए सिसोदिया दिल्ली पर ध्यान दें.
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