उत्तराखंड: आसानी से नहीं मिलेगी बदमाशों को जमानत, पुलिस ने तैयार किया है खास प्लान
डीआइजी एसटीएफ नीलेश भरणे ने बताया कि अब उत्तराखंड में कुख्यात अपराधी आसानी से जमानत नहीं ले सकेंगे. पुलिस मजबूती के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रख सकेगी. अपराधी जेलों में रहेंगे और क्राइम नहीं कर सकेंगे.
देहरादून: कोर्ट में जमानत की अर्जी डालने वाले बदमाशों के लिए एसटीएफ ने प्लान तैयार किया है. एसटीएफ की कोशिश है कि कुख्यात बदमाशों को कोर्ट से आसानी से जमानत ना मिले और पुलिस मजबूती के साथ कोर्ट में पैरवी कर सके. एसटीएफ सीसीटीएनएस पर ऐसे अपराधियों के 10 साल का डेटा अपलोड करके रखेगी. जो किसी भी थाने में पुलिस को आसानी से एक क्लिक पर मिल जाएगा.
एक क्लिक पर सामने होगा रिकॉर्ड
इससे मामले पर विवेचना कर रहे पुलिस अधिकारी को अपराधी का आपराधिक इतिहास आसानी से मिल सकेगा. इतना ही नहीं पुराने आपराधिक इतिहास के आधार पर पुलिस द्वारा ऐसे बदमाशों के खिलाफ गैंगस्टर जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया जा सकेगा. सीसीटीएनएस पर कुख्यात बदमाशों का आपराधिक इतिहास अपलोड करने का काम शुरू हो गया है. इस काम को उत्तराखंड एसटीएफ कर रही है. इससे किसी भी थाने में एक क्लिक पर आसानी से बदमाशों का पूरा रिकॉर्ड विवेचना अधिकारी के सामने होगा.
पुलिस को होती है समस्या
दरअसल, जब अपराधी कोर्ट में जमानत लेने के लिए अर्जी डालते हैं तो पुलिस इसका विरोध करती है. लेकिन, ऐसे में पुलिस को सभी थानों से उस अपराधी का आपराधिक इतिहास का डेटा एकत्रित करने में काफी दिक्कतें भी होती हैं और समय भी काफी लगता है. सीसीटीएनएस पर डेटा होने से आसानी से अपराधी का आपराधिक इतिहास मिल सकेगा. जिससे बदमाश अगर जमानत लेने की कोशिश करता है तो उसका पुराना रिकॉर्ड दिखाकर उसकी जमानत को रद्द किया जा सकता है.
जेल में ही रहेंगे कुख्यात अपराधी
डीआइजी एसटीएफ नीलेश भरणे ने बताया कि इससे कुख्यात अपराधी आसानी से जमानत नहीं ले सकेंगे और पुलिस मजबूती के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रख सकेगी. ऐसे में कुख्यात अपराधी जेलों में रहेंगे और क्राइम नहीं कर सकेंगे.
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