Uttarakhand News: उत्तराखंड के देहरादून में रविवार के दिन एक हादसा हुआ, जब दीक्षा पाल नाम की महिला अपने घर में साप्ताहिक प्रार्थना करने के लिए तैयारी कर रही थी. उसके घर पर अन्य उनके धर्म से संबंधित लोग भी पहुंचे हुए थे, तभी अचानक कुछ लोग उसके घर पर पहुंचे और उनके साथ बदसलूकी करने लगे. इन लोगों का आरोप था कि यह परिवार अपने घर पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर रहा है, यही आरोप लगाकर इन लोगों ने महिला व उसके घर पर मौजूद लोगों के साथ अभद्रता करना शुरू कर दी. अब इस मामले में देहरादून स्थित नेहरू कॉलोनी थाने में 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
इस मामले में बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, 115 (2) स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए, 191 (2) दंगा करने के लिए, 299 जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए, 324 (4) संपत्ति को नष्ट करने के लिए, 333 अनाधिकार प्रवेश के लिए, 351 (2) धमकी देने के लिए और 352 जानबूझकर अपमान करने के लिए.
पुलिस की अगर मानें तो इस मामले में जांच किए जाने के बाद मालूम हुआ कि जिस घर पर इन लोगों ने हमला किया उस घर में कोई धर्म परिवर्तन नहीं हो रहा था, वहां साप्ताहिक प्रार्थना चल रही थी. एसएसपी देहरादून अजय सिंह से एबीपी लाइव ने इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि हमने जांच कराई तो हमें ऐसा कुछ मालूम नहीं हुआ, अफवाह फैलाई गई जिसके बाद कई लोग उस घर और पहुंचे और हमला कर दिया इसके लिए हमने मुकदमा भी दर्ज किया है.
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने एबीपी लाइव को बताया की हमारे पास एक शिकायत आई थी, जिसमें महिला ने बताया कि उसके घर पर कुछ लोगों ने तोड़ फोड़ की है. हमने जब उसके घर जाकर जांच पड़ताल की तो आया की वहां कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया जा रहा था. वहां एक धर्म को मानने वाले लोग आपस में बैठकर चर्चा कर रहे थे, अब इस मामले में हमने महिला की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है जिसकी जांच जारी है.
शिकायत करने वाली दीक्षा पाल का कहना है की उनके घर पर अचानक उग्र भीड़ पहुंची और हंगामा करने लगी हमने उनको बहुत समझने की कोशिश की लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी. हमारे साथ मारपीट की गई, भीड़ को एक व्यक्ति लगातार उकसा रहा था. हमारे प्रार्थना कक्ष में तोड़फोड़ की उन्होंने हमारा लैपटॉप फर्श पर फेंक दिया और फिर हमारे बेडरूम में घुसकर उसमें भी तोड़फोड़ की. फिर उन्होंने हम सभी को पीटा, खासकर महिलाओं को यह सब बच्चों के सामने हुआ मेरी बेटी सिर्फ़ एक साल की है और मेरा बेटा छह साल का है, मेरे किराएदारों के बच्चे भी वहाँ मौजूद थे जो सिर्फ दो और पांच साल के हैं.
बता दें कि इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, जिसके बाद हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है और कई लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. वहीं यह परिवार अभी भी दहशत में है, इन लोगों को अपने धर्म के लिए अपने ही घर में प्रार्थना करना भारी पड़ गया.