देहरादून, रवि कैंतुरा: देहरादून के सरकारी अस्पतालों की लापरवाही से एक मां और उसके दो बच्चों की मौत हो गई. गर्भवती महिला अपने प्रसव के लिए देहरादून के गांधी शताब्दि अस्पताल गई थी, लेकिन अस्पताल ने ये कहकर महिला को घर भेज दिया कि अभी उसकी डिलीवरी में समय है. लेकिन महिला जैसे ही घर पहुंची, उसे प्रसव होने लगा और उसने घर पर ही दो बच्चों को जन्म दिया. बच्चों को उपचार ना मिलने से दोनों की घर पर ही मौत हो गई. यही नहीं बाद में महिला ने अपने इलाज के लिए चार अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन इलाज न मिलने पर उसने भी दम तोड़ दिया.


9 जून को प्रसव के लिए पहुंची थी सरकारी अस्पताल


गर्भवती महिला 9 जून को देहरादून के सरकारी अस्पताल गांधी शताब्दि अस्पताल प्रसव के लिए पहुंची थी. डिलीवरी अभी नहीं होने की बात कहकर अस्पताल ने उसे घर लौटा दिया, जहां घर पर उसने दो बच्चों को जन्म दिया. उनकी इलाज न मिलने पर मौत हो गई. इसके बाद 11 जून को महिला पैर में चोट के इलाज के लिए कोरोनेशन अस्पताल पहुंची, तो उसे वहां से गांधी अस्पताल भेज दिया गया. फिर गांधी अस्पताल ने महिला को कोविड टेस्ट कराने की बात कहकर दून अस्पताल भेज दिया, जबकि दून अस्पताल ने महिला को एक निजी अस्पताल भेज दिया. निजी अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई.


सीएमओ का बयान


अब लापारवाही के कारण गई तीन जान के मामले की गंभीरता को देखते हुए देहरादून के सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने भी 3 सदस्यीय टीम का गठन कर दी है. सीएमओ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरीके की घटनाएं नहीं घटनी चाहिए. उन्होंने मामले पर 15 दिन में रिपोर्ट भी मांगी है. सीएमओ ने कहा कि जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, डीएम ने भी मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं.


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