Uttarakhand News: देहरादून में पछवादून क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ जिला प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार (7 मार्च) को मुस्लिम संगठनों ने तहसील का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर मुस्लिम सेवा संगठन के बैनर तले लोगों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसील प्रशासन को सौंपा.


प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रशासन ने नियमविरुद्ध तरीके से मदरसों और मस्जिदों पर कार्रवाई की है, जिसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए. इसके साथ ही सील किए गए मदरसों को फिर से खोला जाए. शुक्रवार को बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग तहसील परिसर पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पछवादून क्षेत्र में कई मदरसे और मकतब संचालित किए जा रहे हैं, जहां बच्चों को दीनी तालीम दी जाती है. उनका कहना था कि छोटे-छोटे मकतबों को मदरसा बोर्ड से मान्यता लेने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.



प्रदर्शनकारियों ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि मदरसों पर हो रही कार्रवाई तुरंत रोकी जाए और पहले से सील किए गए मदरसों को फिर से खोला जाए. उन्होंने प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि धार्मिक शिक्षा देने वाले संस्थानों को निशाना बनाना गलत है. मुस्लिम सेवा संगठन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द ही उनकी बात नहीं मानी तो वे उग्र प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.


अवैध रूप से संचालित संस्थानों के खिलाफ है कार्रवाई- प्रशासन


वहीं इस पूरे मामले पर प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध रूप से चल रहे मदरसों पर की जा रही है. प्रशासन के मुताबिक, बिना पंजीकरण और नियमों का पालन किए बिना चल रहे मदरसों को बंद किया गया है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि अवैध रूप से संचालित संस्थानों के खिलाफ है.


बिना अनुमति के संचालित हो रहे थे मदरसे- प्रशासन


प्रशासन का कहना है कि किसी भी मान्यता प्राप्त और कानूनी रूप से संचालित मदरसे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिन मदरसों को बंद किया गया है. वे बिना अनुमति के संचालित हो रहे थे. प्रशासन ने आगे कहा कि यदि किसी संस्था को कोई आपत्ति है तो वह कानूनी प्रक्रिया के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है.


न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे


प्रदर्शनकारियों की चेतावनी और प्रशासन के सख्त रुख को देखते हुए आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर तनाव बढ़ सकता है. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि वे न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे. जबकि प्रशासन का कहना है कि कानून के तहत जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह जारी रहेगी.


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