देहरादून: नारसन चेक पोस्ट पर अवैध वसूली के मामले में लंबे समय बाद आखिरकार परिवहन विभाग ने 14 अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर दी है. नारसन चेक पोस्ट पर दो अधिकारियों सहित 14 कर्मचारियों को त्तकाल प्रभाव से हटाया तो गया लेकिन स्टाफ को इधर से उधर करके कार्रवाई पूरी की गई. वहीं, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तिमली चेक पोस्ट सम्बद्ध किया गया है. दो प्रर्वतन पर्यवेक्षक जिनपर 60 रुपये की पर्ची से 600 रुपये वसूलने का आरोप था उनको मुख्यालय में अटैच किया गया. हरिद्धार डीएम की रिपोर्ट पर ये कार्रवाई हुई है.
जानें पूरा मामला
दरअसल, हरिद्धार पुलिस को शिकायत लगातार मिल रही थी की आरटीओ के नारसन चेक पोस्ट पर मालवाहक ट्रकों से अवैध वसूली की जा रही है. 60 रुपये की पर्ची के बजाय 600 रुपये लिए जा रहे हैं. शिकायत के बाद मंगलौर सीओ ने एसएसपी हरिद्धार को रिपोर्ट भेजी थी. जिसके बाद एसएसपी हरिद्धार ने डीएम को रिपोर्च भेजी थी. निरीक्षण के दौरान ये साबित हुआ था की ट्रकों की पर्ची काटी जा रही है और 60 रुपये की जगह 600 रुपये लिए जाने की शिकायत ट्रक चालकों ने मंगलौर सीओ से की भी थी.
नहीं हुई बड़ी कार्रवाई
हरिद्धार डीएम ने 30 जनवरी को आदेश जारी किया था की नारसन बॉर्डर पर अवैध वसूली की जा रही है. ऐसे में लिप्त कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, लेकिन जिम्मेदार विभाग ने इसपर कोई काम नहीं किया. अब करीब एक महीने बाद विभाग की नींद टूटी और परिवहन आयुक्त ने नारसन चेक पोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया. अब उनकी जगह नए कर्मचारियों और अधिकारियों की तैनाती की गई है. हालांकि, वसूली में लिप्त कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई बल्कि उन्हें कार्रवाई के नाम पर सिर्फ स्थानांतरित ही किया गया है.
धूमिल हुई है छवि
वसूली में लिप्त दो अधिकारियों को मुख्यालय में अटैच किया गया है. तीन कर्मचारियों को चिड़ियापुर चेक पोस्ट भेजा गया है. अन्य को आशारोड़ी, कुल्हाल और तिमली चैक पोस्ट भेजा गया है. परिवहन विभाग ने माना है कि छवि धूमिल हुई है.
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