Uttarakhand News: देहरादून (Dehradun) पुलिस ने एक गिरोह का खुलासा करते हुए दो लोगों को अरेस्ट किया है. ये भारत सरकार के मंत्रियों और जजों के नाम पर लोगों को ठगने और आम लोगों का काम कराने के एवज में पैसे कमाते थे. इस गिरोह का जाल दिल्ली (Delhi), यूपी से लेकर उत्तराखंड (Uttarakhand) तक फैला हुआ है. ये आरोपी इतने शातिर हैं कि कई अधिकारियों को भी अपने झांसे में फंसा चुके हैं. इनका फंसाने का तरीका था कि पहले ट्रू कॉलर में फर्जी नाम सेव करते थे, फिर अधिकारियों को फोन करते थे और अपना रौब-रुतबा दिखाते थे. जानकारी है कि कई अधिकारी भी इनके जाल में फंसे थे.
50 लाख ठगने की थी तैयारी
देहरादून में करोड़ों की जमीन को खाली कराने के लिए देहरादून के ही दो लोगों से मिलकर सचिवालय में वरिष्ठ आईएएस से ये शातिर मुलाकात भी कर चुके थे. इस जमीन को खाली कराने के एवज में इन्हें 50 लाख रुपये मिलने थे. हालांकि इससे पहले पुलिस ने इन्हें अरेस्ट कर लिया. आरोपियों पर दिल्ली और यूपी में भी इसी तरह की धोखाधड़ी के चलते कई मुकदमे दर्ज हैं. इस पूरे गिरोह में कई बड़े नाम भी शामिल हो सकते हैं, पुलिस की विवेचना जारी है.
क्या बोले एसएसपी?
एसएसपी देहरादून जन्मेजय खंडूड़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि एक प्रकरण हमारे संज्ञान में आया था. जिसमें कि एक एक्यूस्ड द्वारा सीनियर अधिकारी से संपर्क साधा गया और अपने आप को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बताया गया था. इस पर वरिष्ठ अधिकारी थे, उनको शक हुआ. उनके द्वारा पुलिस से संपर्क किया गया. जिसके बाद हमारे द्वारा उसमें जांच शुरु की गई और मुकदमा पंजीकृत किया गया. जांच में हमें पता चला कि जो अभियुक्त है. उसका कोई भी लेना देना न्यायालय से नहीं था, तो इसमें हमारे द्वार टीम गठित की गई.
दिल्ली के हैं वॉन्टेड
जिसमें एसटीएफ की टीम और देहरादून पुलिस की टीम थी. हमारे द्वारा एक ज्वॉइंट ऑपरेशन किया गया. जिस नंबर से कॉल आया था, उस कॉल को ट्रेस करने बाद अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि उसके द्वारा पूर्व में भी कई जस्टिसेस के नाम का यूज किया गया. कुछ राजनीतिक व्यक्तियों के नाम के यूज किया गया, ताकि वो जालसाजी कर सकें. अभियुक्त के खिलाफ पहले से भी मामले दर्ज हैं. दिल्ली में भी ये लोग वॉन्टेड हैं. इनको गिरफ्तार करके यहां पर लाया गया है और पूछताछ में इनके द्वारा कुछ लोकल्स के नाम भी बताए गए हैं, जो कि इनको यहां पर सपोर्ट करते थे. उनका भी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. अगर वो भी इन चीजों में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें-