Dehradun: महिला को बहला फुसालकर दो नाबालिग बच्चों को बेचा, पुलिस ने चार लोगों पकड़ा
Dehradun Crime News: बच्चों की अपहरण और बेचने के मामले में देहरादून पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में पुलिस पूछताछ में गैंग के सदस्यों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

Dehradun News Today: देहरादून पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बच्चों को अपहरण, उन्हें बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से अपहृत दो वर्षीय बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है.
घटना 2 जनवरी 2025 को सामने आई, जब देहरादून की यमुना कॉलोनी में रहने वाली रीना नाम की महिला ने पुलिस में अपने दो बच्चों के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई. रीना, मानसिक रूप से कमजोर हैं. उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 2024 को राकेश नाम का एक व्यक्ति और एक वृद्ध महिला उसे उसके बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए थे. बाद में राकेश ने रीना को 30 दिसंबर को बिजनौर के पास छोड़ दिया.
दो लाख में बच्चों को बेचा
जांच के दौरान राकेश और राहुल नाम के व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आई. पुलिस को पता चला कि राकेश सहस्त्रधारा रोड पर माली और सफाईकर्मी के रूप में काम करता था, जबकि दूसरा आरोपी राहुल भी वहीं काम करता था. जांच में राहुल की बेटी तानिया और धामपुर की प्रियंका और सैन्टी की भी भूमिका उजागर हुई.
मोबाइल सर्विलांस और मैनुअल पुलिसिंग के माध्यम से जानकारी मिली कि राकेश, राहुल और तानिया अमरोहा में राहुल की बुआ के घर छिपे हुए हैं. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अमरोहा में दबिश दी और राकेश और तानिया को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि इन लोगों ने धामपुर में प्रियंका और सैन्टी को दो लाख रुपये में बच्चे को बेच दिया था.
अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने धामपुर के कोडीपुर में दबिश देकर प्रियंका और सैन्टी को भी गिरफ्तार कर लिया. इनकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने बच्चे को सरकथल शिवाला से सकुशल बरामद कर लिया है.
राकेश बेच चुका है अपने बच्चे
पूछताछ में राकेश ने स्वीकार किया कि उसने तानिया और राहुल के साथ मिलकर रीना के दो वर्षीय बच्चे को बेचने की योजना बनाई थी. उन्होंने पहले रीना और उसके बच्चों को बहलाकर अपने साथ रखा और बाद में बच्चों का सौदा कर लिया. राकेश ने यह भी कबूल किया कि वह अपने दो बच्चों को भी पहले ही बेच चुका है.
पुलिस ने दिखाई सूझबूझ
पुलिस अब मुख्य अभियुक्त राहुल की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है. इस मामले को सुलझाने में इंस्पेक्टर कैलाश चंद भट्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बेहतरीन काम किया. महिला उपनिरीक्षक विनियता चौहान और एसओजी टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पुलिस की तत्परता और कड़ी मेहनत से न केवल बच्चे को बचाया गया बल्कि एक खतरनाक गिरोह का भंडाफोड़ भी हुआ. इस मामले ने मानव तस्करी की गंभीर समस्या को उजागर किया है, जिस पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है.
ये भी पढ़ें: गाजियाबाद: बहन की शादी के लिए कारोबारी के घर की डकैती, करोड़ों की लूट का मास्टर माइंड बिहार से गिरफ्तार
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
