देहरादून। ऑनलाइन सट्टेबाज़ी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है. कार्रवाई हो भी जाए तो आरोपी बहुत कम जुर्माने में आसानी से छूट जाते हैं. ऐसे में आसानी से सट्टेबाज़ ना छूटें इसके लिए पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कर रही है. अगर ऐसा होता है तो सट्टेबाज़ों का छूट जाना आसान नहीं होगा.


दरअसल, आईपीएल हो या फिर क्रिकेट या फिर अन्य कोई खेल सट्टेबाज तुरंत ही सक्रिय हो जाते हैं. आम जनता को शॉर्टकट से पैसे कमाने के प्रलोभन देकर जनता के लाखों रुपये का गबन कर जाते हैं. अक्सर ऑनलाइन सट्टेबाजी में कई लोगों के कारोबार तक बर्बाद हो जाते हैं. भले पुलिस भी इन पर कार्रवाई करती है लेकिन सट्टेबाजी एक्ट में सजा का प्रावधान कम है. जिससे कि सट्टेबाज कुछ ही दिनों में आसानी से छूट जाते हैं. ये लोग दोबारा सट्टेबाजी के धंधे में सक्रिय हो जाते हैं.


वहीं, इस मामले में अधिवक्ता रजत दुआ का कहना है कि कार्रवाई तो होती है लेकिन एक्ट में सजा का प्रावधान कम होने के कारण इनको आसानी से बेल मिल जाती है. ऐसे में अगर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होती है तो सट्टेबाज़ आसानी से नहीं छूट पायेंगे.


देहरादून का हाल
बात करें राजधानी देहरादून की तो पिछले तीन सालों में पुलिस ने करीब 620 मुकदमो में 935 लोगों को गिरफ्तार किया है. आंकड़े भी तस्दीक करते हैं कि सट्टे की दुनिया मे पुलिस भी अच्छी कार्रवाई करती है. हालांकि बावजूद इसके सट्टेबाजी कम नहीं हो रही. अब इस अपराध को जड़ से उखाड़ने के लिए पुलिस मामले में गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने जा रही है.


गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई
डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि सट्टेबाजों से निपटने के लिए अब वो गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर रहे हैं. इस धंधे से अवैध रूप से जो भी प्रोपर्टी सट्टेबाजों ने अर्जित की है. उसको भी अटैच करने की कार्रवाई की जाएगी. भले ही पुलिस अब सख़्ती से इस अपराध को जड़ से खत्म करने की बात कह रही हो लेकिन आज भी कई बड़े नाम सट्टेबाजी से जुड़े हैं.


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