देहरादून: आयुर्वेद डॉक्टरों को एलोपैथी दवा लिखने के मामले में आईएमए भड़क गया है. बता दें कि, योग दिवस के मौके पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए भी इमरजेंसी में एलोपैथिक दवा लिखने की घोषणा की थी. इस मसले को लेकर IMA ने कोर्ट का हवाला देकर आपत्ति जताई है और साफ कहा है कि सरकार की ये घोषणा गलत है. IMA इसका विरोध करता है. उधर, आयुर्वेद के डॉक्टर इसे सरकार का सराहनीय फैसला बता रहे हैं. हालांकि, इन सबके बीच उत्तराखंड में आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच खींचतान जरूर शुरू हो गई है.


आयुर्वेद के डॉक्टरों ने फैसले का किया स्वागत 
मामले को लेकर IMA के कोषाध्यक्ष संजय उप्रेती ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद में मिक्सौपैथी नहीं होनी चाहिए. इससे इलाज के लिए आ रहे मरीजों को भी परेशानी हो सकती है. उधर, आयुर्वेद के डॉक्टरों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. 


शुरू हुई सियासत 
मामले को लेकर अब सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने इस मामले को लेकर साफ कहा कि जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद और एलोपैथी अलग-अलग पद्धति हैं. ये विषय लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, ऐसे में सरकार को इस तरह के फैसले नहीं करने चाहिए. उधर, बीजेपी हरक सिंह रावत के बयान के पक्ष में है. बीजेपी का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए ये काफी महत्वपूर्ण निर्णय है इससे कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई में मदद मिलेगी. 


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