Uttarakhand News: उत्तराखंड कांग्रेस  (Uttarakhand Congress) को जल्द नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहे हैं. सियासी बाजारों में चर्चाएं हैं कि दोनों नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं. इसको लेकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात भी कर चुके हैं. बता दें कि पंजाब में शनिवार को नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के नाम फाइनल हो चुके हैं.


अपने नेता के इंतजार में कांग्रेसी
10 मार्च को आये चुनावी परिणामों के बाद से उत्तराखंड कांग्रेस बिना नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की है. कांग्रेस के कार्यकर्ता अपना नेता चुने जाने के इंतजार में हैं. अब पंजाब में नेता चुने जाने के बाद उत्तराखंड में भी जल्द हाईकमान नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल कर सकती है. माना जा रहा है कि एक से दो दिनों में ये नाम फाइनल हो जायेंगे. कांग्रेस विधानमंडल की बैठक होने के बाद नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने की जिम्मेदारी हाईकमान पर सौंपी गई है. तब से कांग्रेसी कार्यकर्ता इंतजार में ही हैं. 


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चुनावी हार के बाद लिए गए इस्तीफे
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पांचो राज्यों में हार गई थी जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफे ले लिए थे. इसके साथ ही उत्तराखंड में विधानमंडल दल की बैठक हुई लेकिन नेता प्रतिपक्ष के नाम पर फैसला नहीं लिया गया. चुनाव से ठीक पहले गणेश गोदियाल को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी. गोदियाल को काफी कम समय मिला. इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनाव से आठ सीटें ज्यादा भी जीत कर आई. 


चौंकाने वाले हो सकते हैं दोनों नाम
राजनीतिक पंडितों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का नाम चौंकाने वाला हो सकता है. सियासी हलकों में चर्चाएं हैं कि गणेश गोदियाल को कम समय मिला ऐसे में पार्टी हाईकमान उनको फिर से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकता है. उधर नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में निर्वतमान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और बाजपुर विधायक यशपाल आर्य का नाम चर्चाओं में है. गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष तो गढ़वाल कुमाऊं के समीकरणों को साधते हुए पार्टी हाईकमान यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है. यशपाल आर्य वरिष्ठ नेता हैं और काफी अनुभव रखते हैं. 


पंजाब के बाद उत्तराखंड में जल्द फैसला 
कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने पंजाब में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी तय कर दी है. ऐसे में माना जा रहा है कि एक से दो दिनों में उत्तराखंड में भी दोनों पदों पर नाम फाइनल हो जाएंगे. नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने में देरी की वजह कांग्रेस के बड़े नेता सभी राज्यों में जिम्मेदारियां तय किये जाने को बता रहे हैं. 


रिस्क नहीं लेना चाहता पार्टी हाईकमान
उत्तराखंड में कांग्रेस लगातार दो बार विधानसभा चुनाव में हारी है. ऐसे में पार्टी हाईकमान कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता. 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ऐसे अनुभवी चेहरों को कमान सौंपेगी जो पार्टी को मुसीबत की घड़ी से उबार सकें. विधानसभा चुनाव में पार्टी के दो बड़े चेहरे हरीश रावत और गणेश गोदियाल भले ही चुनाव हारे हों लेकिन पार्टी उन्हें कमतर नहीं आंक रही है.  


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