नई दिल्ली, एबीपी गंगा। उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात लोग दोषी करार दिये गये हैं। अदालत ने हत्या के बजाय गैर इरादतन हत्या में कुलदीप को दोषी माना। कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ एसएचओ अशोक भदौरिया व केपी सिंह और कुलदीप के भाई को दोष करार दिया है। सजा सुनाने के लिये दिल्ली की अदालत ने 12 मार्च की तारीख तय की है।
पीड़िता के पिता की हत्या पुलिस हिरासत के दौरान हुई थी, जिसमें हत्या करवाने का आरोप कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा था। इससे पहले दिल्ली की तीस हजारी अदालत कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार का दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुना चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर हुई थी।
आपको बता दें कि पुलिस हिरासत में बलात्कार पीड़िता के पिता की मौत 9 अप्रैल, 2018 में हुई थी। परिवार ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह ने रसूख के बल पर उसके पिता को पहले गिरफ्तार करवाया फिर हत्या करवा दी। इससे पहले 29 फरवरी को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दुष्कर्म पीड़िता के पिता की कथित रूप से हिरासत में हुई मौत मामले में 4 मार्च तक टाल दी थी। अदालत आज इस मामले में 11.30 बजे फैसला सुनाएगी।
कुलदीप सिंह की विधायकी भी खत्म
इससे पहले उन्नाव के चर्चित दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिये गये विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी भी खत्म कर दी गई थी। भाजपा ने उन्हें पहले ही पार्टी से निकाल दिया है। सेंगर को एक अगस्त 2019 को भारतीय जनता पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। आपको बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर 2017 उन्नाव बलात्कार मामले के दोषी हैं और मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने तत्कालीन बीजेपी विधायक सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था।